खनन मंत्री के जिले में अरबों रुपये का अवैध खनन, कार्रवाई शून्य -अवैध खनन रोकने के लिए विभागों के बीच नहीं है समन्वय

खनन मंत्री के जिले में अरबों रुपये का अवैध खनन, कार्रवाई शून्य -अवैध खनन रोकने के लिए विभागों के बीच नहीं है समन्वय
April 02 16:59 2023

-एफआईआर दर्ज कराने के बाद नहीं होती कोई कार्रवाई
रीदाबाद (मज़दूर मोर्चा)। खनन मंत्री मूलचंद शर्मा के अपने शहर में अरबों रुपयों का अवैध खनन जारी है। शहर हो, नहर पार, अरावली का पीएलपीए संरक्षित इलाका या यमुना का किनारा सभी जगह अंधाधुंध तरीके से अवैध खनन जारी है। नियमों का उल्लंघन कर चलाया जा रहा अवैध खनन का यह खेल माफिया, नेता और अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। कार्रवाई के नाम पर खनन विभाग, पुलिस, वन विभाग, हूडा, नगर निगम जैसे महकमे मूकदर्शक बने हुए हैं। हां कभी कभार एक-दो रेत से भरे ट्रैक्टर पकड़ कर पीठ थपथपाई जाती है। यह कार्रवाई भी अधिकतर पुलिस ही करती है न कि खनन विभाग के अधिकारी। शहरी इलाके में एक मीटर से अधिक जमीन का खनन करने के लिए खनन विभाग में बाकायदा निर्धारित शुल्क जमा कर परमीशन लेनी होती है। एनआईटी एक, दो, तीन और पांच में बिल्डिंग माफिया धड़ल्ले से बेसमेंट खोद रहे हैं। रिहायशी इलाकों में तीन से चार मीटर तक मिट्टी खोदी जाती है लेकिन न तो नगर निगम और न ही खनन विभाग कोई कार्रवाई कर रहा है।

नहर पार इलाके में मास्टर रोड से सटी हुई जमीन अवैध रूप से आठ से दस मीटर तक खोद डाली गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हूडा के जो नए सेक्टर विकसित हो रहे हैं खनन माफिया वहां भी सक्रिय हैं। प्लॉट खरीदने वाले खुद तो तब ठगा महसूस करते हैं जब उन्हें पता चलता है कि मकान बनाने से पहले उन्हेंं काफी मिट्टी की भरान करानी होगी, क्यों कि माफिया उनके प्लॉट से अवैध रूप से मिट्टी खनन कर ले जा चुका है। यह अवैध खनन अरावली पीएलपीए संरक्षित क्षेत्र में लगातार जारी है। खनन माफिया और भू-माफिया लगातार पेड़ों में आग लगाकर जमीन समतल करने के नाम पर खुदाई कर रहे हैं। खास बात यह है कि खनन विभाग को इसकी जानकारी नहीं। अधिकारी कहते हैं कि वन विभाग का क्षेत्र है इसलिए कार्रवाई वन विभाग कराएगा। नगर निगम क्षेत्र में नगर निगम, हूडा के क्षेत्र में हूडा कराएगा तो फिर खनन विभाग का काम क्या है। दरअसल, अवैध खनन रोकने के लिए खनन विभाग, नगर निगम, हूडा और वन विभाग में समन्वय नहीं है। माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा जानबूझ कर किया जाना हो सकता है। अवैध खनन होने पर दूसरे महकमे खनन विभाग और खनन विभाग दूसरी संस्थाओं के अधिकारक्षेत्र का हवाला देकर कार्र्रवार्ई नहीं करते। अरबों रुपये का यह कारोबार नेता और अधिकारियों को खुश किए बिना नहीं हो सकता। इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक अवैध खनन की जितनी भी एफआईआर दर्ज कराई गई हैं उनमें शायद ही किसी में ठोस कार्रवाई या गिरफ्तारी हुई हो।

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Mazdoor Morcha
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