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विश्लेषण

मोदी और योगी को मुसलमानों का सहारा

हिसाम सिद्दीकी हर तरफ से हारने की खबरों से वजीर-ए-आजम मोदी समेत बीजेपी के तमाम लीडरान ने जैसे अपना जेहनी तवाजुन खो दिया है। असल मुद्दों के बजाए सभी ने

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अगर भाजपा का पिछले दस साल का शासन ट्रेलर था, तो अब क्या होगा!

राम पुनियानी जहां तक प्रोपेगेंडा का सवाल है, हमारे प्रधानमंत्री का मुकाबला कम ही नेता कर सकते हैं। एक ओर वे कांग्रेस की कई घोषणाओं को सांप्रदायिक बता रहे हैं

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100 फीसदी वीवीपैट गिनती को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया ग़लत फ़ैसला

मुकेश कुमार सिंह नई दिल्ली। ईवीएम से जुड़े वीवीपैट की पर्चियों की 100 प्रतिशत गिनती करवाने के लिए न्यायिक आदेश देने की मांग करने वाली याचिकाओं को नामंज़ूर करते हुए

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सेव का बहुत दिलचस्प किस्सा

विष्णु नागर यह किस्सा मेरी ससुराल देवास का है। रिटायरमेंट के बाद पति ने मकान, पेंशन सबकुछ पत्नी के नाम करवा दी।पेंशन मिलने के दो साल बाद पति ने पत्नी

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सुप्रीम कोर्ट की बाबा रामदेव को फटकार

राम पुनियानी पिछले कुछ दशकों में भारत में कई बाबाओं का उदय हुआ है. इसके पहले भी बाबा हुआ करते थे मगर इन दिनों बाबाओं का जितना राजनैतिक और सामाजिक

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सांपों की सभा

‘तुम में जहर नहीं है, इसलिए तुम कमजोर हो!’ सांप ने चूहे से कहा. ‘जिसके अंदर जहर होता है, दुनिया उसकी इज्जत करती है…उनका सिक्का चलता है.’ चूहा ध्यान से

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जैसा खाये अन्न, वैसा होवे मन : यथार्थ या विभ्रम?

डॉक्टर सलमान अरशद “जैसा खावे अन्न वैसा होवे मन” बहुत पुरानी उक्ति है। मेरे जैन मित्र इस उक्ति का सबसे ज़्यादा उपयोग करते हैं और इसके ज़रिये शाकाहार को जस्टिफाई

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किस चिडिय़ा का नाम है भारतीय संस्कृति ?

सलमान अरशद क्या आप जानते हैं कि भारतीय संस्कृति किस चिडिय़ा का नाम है? अमूमन खानपान, रहन-सहन, तीज त्योहार, शादी-व्याह के तौर तरीकों और धर्म और धार्मिक कर्मकांड के सम्मिलित

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सीएए : देश को बांटने का एक और औज़ार

राम पुनियानी जिस समय इलेक्टोरल बॉण्ड से जुड़ा बड़ा घोटाला परत-दर-परत देश के सामने उजागर हो रहा था, ठीक उसी समय केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम

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बहुसंख्यकवादी नैरेटिव को टेका लगाती फिल्में : स्वातंत्र्यवीर सावरकर

राम पुनियानी फिल्म जनसंचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो सामाजिक समझ को कई तरह से प्रभावित करता है. कई दशकों पहले भारत में ऐसी फिल्में बनी जो सामाजिक यथार्थ

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