करनाल। तिरंगे झंडे की बिक्री को लेकर राशन कार्ड धारकों को गुमराह करने वाले एक डिपो होल्डर के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उसका लाईसेंस निलंबित कर दिया गया है। उपायुक्त अनीश यादव ने इस संबंध में बताया कि निसिंग खंड के गांव दादुपुर के साथ अटैच चिड़ाव-हेमदा का एक डिपो होल्डर राशन कार्ड धारकों को यह कहकर झंडे की बिक्री कर रहा था कि 20 रुपये में झंडा लेंगे तो राशन मिलेगा, अन्यथा नहीं। जैसे ही यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया तो लोगों को गुमराह करने वाले डिपो होल्डर के खिलाफ तुरंत कार्यवाही अमल में लाते हुए उसका लाईसेंस निलंबित कर दिया है।
उपायुक्त ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति इस तरह की बातों से गुमराह करता है तो उसकी सूचना जिला प्रशासन को दें। उचित मूल्य की दुकानें और अन्य बिक्री केन्द्रों से कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से महज 20 रुपये की कीमत पर झंडा खरीद सकता है। जनता की सहूलियत के लिए डिपो होल्डरों को, प्रशासन की ओर से 88400 झंडे उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने आम जनता से यह भी अपील की है कि इस तरह की बातों से कोई भी व्यक्ति गुमराह न हो और जिसकी इच्छा हो वह झंडा खरीद सकता है।
शर्मनाक खट्टर सरकार अपने झूठ को छिपाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों तक को झूठ बोलने के लिए मजबूर कर रही है। सारी जनता जानती है कि उपायुक्त के आदेश पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अपने तमाम राशन डिपुओं पर बिक्री के लिए झंडे रखे हुये हैं। इन झंडों की कीमत उनसे अग्रिम वसूल कर ली गयी है। अब राशन डिपो वाले इन झंडों को बेचेंगे नहीं तो क्या करेंगे? इस मामले में जिस डिपो होल्डर का लाईसेंस रद्द किया गया है उसका दोष केवल इतना है कि उसने कैमरे पर सरकार की पोल चौड़े में खोल दी। इससे परेशान होकर सरकार ने उसका लाईसेंस रद्द कर दिया। इसी भय एवं धौंस के चलते तमाम डिपो होल्डर कार्डधारकों को जबरन झंडे बेच रहे हैं।