मेट्रो अस्पताल को शो-कॉज नोटिस दिलाने वाले अधिकारी का हरियाणा सरकार ने किया तबादला फरीदाबाद (म.मो) ‘मजदूर मोर्चा’ के पिछले अंको में विस्तार से मेट्रो अस्पताल के विरुद्ध सीनियर ड्रग कंट्रोल अधिकारी राकेश दहिया द्वारा की गई कार्रवाई का प्रकाशन किया गया था।
दहिया की रिपोर्ट में अस्पताल पर अनियमतताओं के गंभीर आरोप लगाये गये थे। प्रकाशित रिपोर्ट पर पंचकूला मुख्यालय से शो-कॉज नोटिस जारी किया गया था।
फूड एंड ड्रम एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए)गवर्निंग बॉडी को रा’य औषधि नियंत्रक पंचकूला द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के 5 सप्ताह बाद बड़े सुस्त मन से केवल खानापूर्ति के तहत मेट्रो हॉस्पिटल फरीदाबाद को कारण बताओ नोटिस 28 जनवरी 2022 को जारी किया गया जिसके तहत 21 दिनों की समय सीमा के भीतर मेट्रो अस्पताल प्रबंधन को इसका जवाब दायर करना था।
गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए रा’य औषधि नियंत्रक पंचकूला द्वारा सेक्शन 122p के तहत कार्रवाई करते हुए तुरंत मेट्रो अस्पताल फरीदाबाद का लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाना चाहिए था। इसके विपरीत मुख्य कार्यालय पंचकूला द्वारा 17 फरवरी 2022 को वरिष्ठ औषधि नियंत्रक अधिकारी फरीदाबाद राकेश दहिया जिनके द्वारा 21 दिसंबर की इंक्वायरी रिपोर्ट दायर की गई थी, का तबादला फरीदाबाद से सोनीपत कर दिया गया जो तीन माह पहले ही यहां तैनात हुए थे। यहां छह वर्ष तक नियुक्त रह चुके अस्पतालों के टुकडख़ोर करन गोदारा को वापस फरीदाबाद में तैनात कर दिया गया ताकि मेट्रो जैसे अस्पताल बेखौफ होकर सभी नियमों की उल्लंघना करते रहे।
इन हालात में लगता नहीं कि मेट्रो अस्पताल के विरुद्ध कोई कार्रवाई की जा सकेगी। इसी दौरान मुख्य कार्यालय पंचकूला द्वारा 22 फरवरी को मेट्रो अस्पताल फरीदाबाद इंक्वायरी के आदेश फिर से दिखावे के लिए पारित कर दिए गये हैं।
रा’य औषधि नियंत्रक मनमोहन तनेजा की कार्यशैली तथा विभागीय अनर्थव्यवस्था निम्न से स्पष्ट है। 1)क्या विभागीय मुख्य कार्यालय ने राकेश दहिया की इंक्वायरी रिपोर्ट को खुद ही खारिज कर दिया है, अगर नहीं तो इतनी गंभीर अनियमितताओं के चलते 2 महीने से अधिक की प्रक्रिया के दौरान एक्ट के तहत मेट्रो अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
2)कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बाद इतनी गंभीर अनियमितताओं के मद्देनजर तथा हरियाणा रा’य रक्त आधान परिषद चंडीगढ़ द्वारा दी गई दिनांक 9 फरवरी 2022 आरटीआई जानकारी जिसमें स्पष्ट है कि मेट्रो अस्पताल फरीदाबाद द्वारा नेशनल ब्लड पॉलिसी की गैर अनुपालना है, विभाग द्वारा एक्ट के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
3)हरियाणा रा’य रक्त आधान परिषद चंडीगढ़ द्वारा दी गई दिनांक 9 फरवरी 2022 आरटीआई जानकारी को किन मानकों के तहत अनदेखा किया जा सकता है, जिसमें मेट्रो अस्पताल फरीदाबाद का नेशनल ब्लड पॉलिसी की गैर अनुपालना स्पष्ट उल्लेखित है?
जाहिर है कि हरियाणा सरकार की गुड गवर्नेंस तथा जीरो टॉलरेंस की नीति को किस प्रकार ओपन टोलरेंस के तहत अधिकारियों द्वारा धूमिल किया जा रहा है। ऐसा विभाग जिस की बागडोर स्वयं हरियाणा के तेजतर्रार मंत्री अनिल विज के पास हो उसमें यह अनर्थव्यवस्था, तो हरियाणा के बाकी विभागों की कार्यशैली और दुर्दशा क्या होगी? विभाग द्वारा खुद ही विभागीय अधिकारी की रिपोर्ट को अनदेखा करके उल्लंघन करने वालों का साथ दिया जा रहा है, इससे स्पष्ट है कि हरियाणा प्रदेश में मरीज केवल और केवल राम भरोसे हैं। प्रदेश के सरकारी और अन्य अस्पतालों को दुरुस्त करने से पहले स्वयं विभागीय कार्यशैली को दुरुस्त किया जाना अति आवश्यक है।