नगर निगम में आग लगी तो निकम्मे अधिकारी जिम्मेदार होंगे बेकार हो रहे अग्रिशमन सिलिंडरों की किसी को नहीं सुध

नगर निगम में आग लगी तो निकम्मे अधिकारी जिम्मेदार होंगे बेकार हो रहे अग्रिशमन सिलिंडरों की किसी को नहीं सुध
June 08 02:38 2023

रीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) लूट कमाई में मस्त नगर निगम के अधिकारियों को न तो सुरक्षा नियमों की चिंता है और न ही नियमों का पालन करने का जज्बा। निगम परिसर को आग से बचाने के लिए जगह जगह लगाए गए अग्रिशमन सिलिंडर कब एक्सपायर हुए और कब इन्हें रीफिल किया जाना है इसकी किसी को परवाह नहीं है। कई साल से बिना रीफिलिंग और इंस्पेक्शन के रखे यह सिलिंडर आग बुझा भी पाएंगे यह कहना मुश्किल है।

शहर में होने वाले वैध निर्माण पर भी अग्रिशमन व्यवस्था न होने जैसी तरह-तरह की आपत्तियां लगाने वाले नगर निगम अधिकारी खुद को शायद इन नियमों से ऊपर समझते हैं। यही कारण है कि खुद इन नियमों पर अमल नहीं करते। निगम परिसर में आग से सुरक्षा के लिए अग्रिशमन सिलिंडर लगाए गए हैं। नियमानुसार इन सिलिंडरों का हर तीन माह पर इंस्पेक्शन होना चाहिए और एक वर्ष बीतने पर टॉपअप या रीफिल किया जाना चाहिए। निगम परिसर में अग्रिशमन सिलिंडरों को कब लगाया गया था, इसकी कोई जानकारी इन पर अंकित नहीं है। इंस्पेक्शन की तिथि भी दर्ज नहीं है। सिलिंडरों पर जमी धूल से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लंबे अर्से से बिना जांच और इस्तेमाल के ऐसे ही पड़े हैं।

नगर निगम के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार दरअसल परिसर में लाखों रुपये खर्च कर अग्रिशमन पाइपलाइन डाली जा रही है इसीलिए इन सिलिंडरों के निरीक्षण और रीफिलिंग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। बताते चलें कि पाइपलाइन बिछाने का काम बीते छह महीनों में शुरू हुआ है जबकि यह सिलिंडर यहां एक दशक से भी अधिक समय से रखे गए हैं। हालांकि पाइपलाइन बिछाने की प्रक्रिया पूरी होने में काफी समय लगेगा। इस बीच यदि आग लगती है तो यह सिलिंडर उस पर काबू पा पाएंगे या नहीं कहा नहीं जा सकता। बहुत से कर्मचारियों को तो यह भी नहीं मालूम कि अग्रिशमन सिलिंडर कहां रखे गए हैं, और आग लगने की सूरत में उन्हें कैसे ऑपरेट करना है।

2017 में भी अग्रिशमन सिलिंडरों के निरीक्षण का मुद्दा उठा था। तब तत्कालीन एसई डीआर भास्कर ने आनन फानन सिलिंडरों का इंस्पेक्शन और रीफिलिंग करवाई थी। उसके बाद इनका निरीक्षण और रीफिलिंग कब हुई इसकी जानकारी किसी को नहीं है। देखना है कि दूसरों को नसीहत खुद मियां फजीहत साबित हो रहे निगम अधिकारी कब इन सिलिंडरों को सही करवाएंगे। विदित है कि वित्तीय घोटालों से भरी लेखा शाखा में आग का लगना घोटालेबाजों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होता रहा है, इसलिए यह अधिकारी नहीं चाहेंगे कि लगाई गई आग जल्दी से बुझ जाए।

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Mazdoor Morcha
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