पानीपत-समालखा (मजदूर मोर्चा) आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत की इच्छा पूरी करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने यहां करीब 800 करोड़ की लागत से एक विशाल एवं भव्य संघ भवन का निर्माण कराया। बीते सप्ताह इसी भवन में देश भर से आये करीब 1400 संघियों का दो दिवसीय शिविर चला। शिविर के भीतर कैसे-कैसे साम्प्रदायिक षड्यंत्रों पर विचार किया गया, इसका तो पता नहीं चल पाया। लेकिन संघ ने जो घोषणा की है वह बहुत ही ‘शानदार’ है।
प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियां देने का वायदा करने वाले मोदी ने नौकरियां तो क्या देनी थी, उन्हें समाप्त करने पर ही जुटे हैं। उनके इस चुनावी जुमले को हकीकत का रूप देने की घोषणा करते हुए कहा गया है कि देश भर के 700 जि़लों में रोजगार सृजन केन्द्र स्थापित करेगा संघ। बड़ी अजीब घोषणा है। इसमें कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है कि इन सृजन केन्द्रों से कितने रोजगार मिलेंगे और कब मिलेंगे? मामला गोल-मोल है। लगता है कि यह केवल घोषणा के लिये ही घोषणा है। जो सर्वशक्तिमान प्रधानमंत्री मोदी कोई रोजगार न दे सका और पकौड़े तलने का विकल्प युवाओं को दिया, उसके मुकाबले संघ के पास ऐसी कौन सी जादू की छड़ी है कि वह रोजगार पैदा कर देगा? अगर वास्तव में ही इनके पास ऐसी कोई जादुई छड़ी है तो बीते 98 साल तक वह छड़ी कहां छिपी थी?
घोषणा में रोगमुक्त व अपराधमुक्त समाज का निर्माण किया जायेगा। रोगमुक्ति के लिये मोदी जी ने आयुष्मान कार्ड तथा खट्टर जी ने इससे भी आगे बढक़र चिरायु कार्ड और अतिरिक्त रूप से दे दिये हैं। इसके साथ-साथ कोई भी मरीज़ किसी भी समय टेलीफोन पर डॉक्टरों से अपना मुफ्त इलाज करा सकता है। इतनी ‘भारी-भरकम सुविधायें’ देने के बाद रोग रह कहां पायेगा? इसी के मद्देनजर खट्टर सरकार ने अपने तमाम मेडिकल कॉलेजों आधे से अधिक पद रिक्त रखे हुए हैं। इससे भी बद्तर स्थिति राज्य भर के तमाम अस्पतालों की है। ऐसे में संघ, इस दिशा में और क्या योगदान देना चाहेगा? रही बात अपराध मुक्त समाज की तो जब सारे अपराध करने का ठेका खुद संघियों ने ही ले रखा हो तो किसी और को अपराध करने का मौका ही कहां बचा है? फिर भी किसी को अपराध जगत में प्रवेश पाना हो तो इसके लिये संघियों के बजरंग दल, गौ-रक्षक दल , हिन्दूवाहिनी आदि-आदि मौजूद हैं। इनमें शामिल होकर अपराध करने वालों को पुलिस का पूरा संरक्षण प्राप्त होता है।
एक वायदा ऋणमुक्त करने का भी घोषित किया गया है। इसे पूरा करने के लिये मोदी जी ने तमाम बड़े कार्पोरेट विशेषकर अडाणी के लिये अपने बैंकों के दरवाजे खोल रखे हैं। बीते 9 वर्षों में इनके करीब 12 लाख करोड़ तथा अकेले अडाणी के ढाई लाख करोड़ माफ करके उन्हें काफी हद तक ऋणमुक्त कर दिया गया है। रही-सही कसर मोदी जी शीघ्रातिशीघ्र पूरी करने जा रहे हैं। ऐसे में संघ वाले भला किसको ऋणमुक्त करने का झांसा दे रहे हैं?
घोषणा में संघ का अधिकतम ध्यान केरल पर केन्द्रित रहा। सर्वविदित है कि इस राज्य में अभी तक संघ की कोई तिकड़मबाजी सफल नहीं हो पाई है। संघियों की हर गुंडागर्दी का जबाब उन्होंने उन्हीं की भाषा में सही-सही दे रखा है। संघियों के हर हमले का जबाब वहां के प्रबुद्ध नागरिक ठोक कर देते आये हैं।