जुमलेबाजी के हीरो : कामकाज में जीरो

जुमलेबाजी के हीरो : कामकाज में जीरो
June 13 15:40 2022

हरियाणा में घोषणावीर खट्टर की घोषणाओं पर अमल नहीं होता
रनाल। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करीब 2 साल पहले जुलाई 2020 में घोषणाएं की थी। मुख्यमंत्री की घोषणाओं में शामिल कर्ण स्टेडियम में बनने वाले 6 बैडमिंटन कोर्ट व एक बॉक्सिंग हाल का प्रोजेक्ट फिलहाल अटका हुआ है। पीडब्ल्यूडी की मानें तो इनका एस्टीमेट बनाकर गत फरवरी में खेल विभाग को भेजा था।

करीब 3 माह बीत जाने के बाद भी खेल विभाग के उच्च अधिकारियों को इन की अप्रूवल नहीं मिली। इसलिए मुख्यमंत्री की यह घोषणाएं काम शुरू होने की बाट जोह रहा है । मुख्यमंत्री की घोषणाओं का यह हाल है जब डीसी समय-समय पर इसकी समीक्षा करते हैं तो संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब होते हैं।

कर्ण स्टेडियम मैं बैडमिंटन कोर्ट व बॉक्सिंग हाल बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी ने 11 .82 करोड़ का एस्टीमेट बनाया है। जिमनास्टिक हाल को कंडम घोषित किया जा चुका है।

करण स्टेडियम में रोजाना सैकड़ों खिलाड़ी बॉक्सिंग का अभ्यास करने आते हैं इनमें से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर जिले का नाम रोशन कर चुके हैं । मुख्यमंत्री ने अगस्त 2021 में शूटिंग के खिलाडिय़ों को सौगात देने की घोषणा की थी । इसके तहत जिले में 25 और 50 मीटर की शूटिंग रेंज बनाई जानी थी ।

यह बसताड़ा के राजीव गांधी खेल परिसर में बनाया जाएगा । लेकिन यह जगह कम पड़ गई । इसके लिए साथ लगती पंचायती जमीन चाहिए। जिसे खेल विभाग अभी तक मुहैया नहीं करा पाया । पंचायती राज विभाग का कहना है कि पट्टा समाप्त होने के बाद जमीन मिलेगी । जिले में शूटिंग रेंज नहीं होने के कारण मजबूरी में खिलाडिय़ों को दिल्ली जाकर अभ्यास करना पड़ रहा है।

अगस्त 2021 में ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कर्ण स्टेडियम मैं दर्शक दीर्घा बनाने की घोषणा की थी। लेकिन इसके लिए भी जमीन की जरूरत है, इसके लिए साथ लगती जिला परिषद की जमीन चाहिए। 10 महीने बीत जाने के बाद भी खेल विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की । यह जमीन कब मिलेगी फिलहाल कुछ भी कहा नहीं जा सकता। भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण पीडब्ल्यूडी एस्टीमेट तक नहीं बना पा रहा।

जिले के खिलाडिय़ों का कहना है कि जब मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी तो बड़ी खुशी हुई थी। तब ऐसा लगा था कि अब कुछ ही दिनों में यह सौगात खिलाडिय़ों को मिल जाएगी। हैरानी की बात है कि 2 साल बीत जाने के बाद भी 2 घोषणाओं पर काम शुरू नहीं हो पाया । करीब 4 महीने से एस्टीमेट को मंजूरी नहीं मिलने से सरकार की कार्यकुशलता का पता चलता है कि उसके अधिकारी कितनी संजीदगी से काम करते हैं ।

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Mazdoor Morcha
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