करनाल (आजाद शर्मा) जिला प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते स्थानीय सचिवालय में स्थित ई-दिशा केन्द्र की तिजोरी से चोर करीब 25 लाख चुरा कर ले गये।
प्रशासन को उसकी मूर्खता का आइना दिखाते हुए चोर डीवीआर भी निकाल कर ले गये। विदित है कि सीसीटीवी कैमरे द्वारा रिकॉर्ड घटना डीवीआर में रहती है। इसलिये थोड़े से भी समझदार अधिकारी डीवीआर बॉक्स को सदैव चोरों की पहुंच से दूर रखते हैं। घटनाक्रम को देखकर लगता है कि प्रशासन ने सरकारी रकम चोरों को थाली में परोस कर दे दी। सरकारी धन को रखने के लिये बाकायदा नियमावली बनी हुई है जिसका कि इस मामले में घोर उल्लंघन किया गया है। जिस ई-दिशा केन्द्र में चोरी की यह घटना हुई है उसमें लगभग तमाम कर्मचारी स्थायी सरकारी कर्मचारी न होकर ठेकेदरी में रखे हुए हैं। इन कर्मचारियों को सरकारी नियमावलियों एवं कायदे कानूनों का कोई ज्ञान नहीं होता। इसके अलावा इनकी कोई जिम्मेदारी भी नहीं होती। इन कर्मचारियों एवं ई-दिशा केन्द्र की देख-रेख करने का दायित्व एसडीएम अथवा तहसीलदार आदि का होता है।
इन अधिकारियों का कर्तव्य बनता है कि वे इतनी बड़ी सरकारी राशि की सुरक्षा हेतु उचित प्रबंध करते जो उन्होंने नहीं किये। जैसा कि आमतौर पर होता है, यहां भी इस वारदात के बाद पुलिस कार्रवाई एवं एफएसएल की कवायद चलती रहेगी।