ईएसआई कॉर्पोरेशन के अपने ही स्टाफ में आधे पद रिक्त पड़े हैं

ईएसआई कॉर्पोरेशन के अपने ही स्टाफ में आधे पद रिक्त पड़े हैं
November 20 16:04 2022

मज़दूर मोर्चा ब्यूरो
देश भर के करीब साढे तीन करोड़ मज़दूरों से उनके वेतन का चार प्रतिशत वसूल कर डेढ लाख करोड़ के खजाने पर कुण्डली मारे बैठे कॉर्पोरेशन में कुल स्वीकृत पदों के करीब आधे पद खाली पड़े हैं। समझना मुश्किल नहीं है कि जिस संस्थान में काम करने वाले ही पूरे न हों तो वह संस्थान उन मज़दूरों को क्या सेवायें दे पायेगा जिनसे नियमित वसूली करने में वह कभी नहीं चूकता।

31 मार्च 2022 को कॉर्पोरेशन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार कार्पोरेशन में कुल 20494 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 9246 पद रिक्त हैं। गौरतलब है कि ये स्वीकृत पद जब बनाये गये थे तब बीमाकृत मज़दूरों की कुल संख्या मात्र डेढ करोड़ थी जो आज बढक़र साढे तीन करोड़ हो गई है। इस हिसाब से तो स्वीकृत पदों की संख्या बढनी चाहिये थी लेकिन यहां तो पहले से ही स्वीकृत पद भी भरे नहीं जा रहे।

कार्पोंरेशन की विभिन्न श्रेणियों के पदों का ब्योरा इस प्रकार है:

                                   पद                            रिक्त
एलडीसी                    1908                             784
एमटीएस                   3514                               2622
यूडीसी                      6523                               306
असिस्टेंट                   3612                               740
एसएसओ                   2464                             595
एडी                           413                                 216
डीडी                        407                                 205
सीनियर डीडी           180                                  180

किसी भी संस्थान को चलाने के लिए उसकी आवश्यकताओं के अनुरूप पदों को सर्जित किया जाता है। समझा जा सकता है, जब इन पदों पर लोग होंगे ही नहीं तो काम कैसे चल पायेगा। बताने की जरूरत नहीं कि निगम के पास मजदूरों का दिया हुआ भारी भरकम खजाना पड़ा हुआ है उसके बावजूद पदों को खाली रखा जा रहा है। पदों के खाली रहने से काम सुचारू रूप नहीं चल सकता और जब काम ही नहीं चलेगा तो इसका दुष्प्रभाव उन सभी मजदूरों पर पडऩा स्वभाविक है जिनके लिए यह कार्पोरेशन बनाया गया है। उदाहरण के लिए फरीदाबाद के ईएसआई मेडिकल कॉलेज में 300 से अधिक इस तरह के (दफ्तरी) पद खाली पड़े हुए हैं। इसके चलते इन पदों पर उन लोगों से काम लिया जा रहा है जो सीधे तौर पर चिकित्सा सेवाओं से जुड़े होते हैं।

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