निगमायुक्त ने आखिर रेहड़ी वालों की उपयोगिता का संज्ञान ले ही लिया

निगमायुक्त ने आखिर रेहड़ी वालों की उपयोगिता का संज्ञान ले ही लिया
December 29 03:04 2021

फरीदाबाद (म.मो.) अपनी प्रशासकीय ‘क्षमता’ का नमूना पेश करते हुए निगमायुक्त यशपाल यादव ने पहले तो रेहड़ी-पटरी वालों को बजारों से उखाड़ा-पछाड़ा लेकिन जब मीडिया व स्वयं रेहड़ी वालों ने हल्ला-प्रदर्शन किया तो निगमायुक्त महोदय को एहसास हुआ। अब उन्होंने अपने कर्मचारियों को आदेश दिया है कि वे प्रत्येक वार्ड के पार्षद को साथ लेकर उनके वार्डों में तीन-तीन ऐसे स्थान चिन्हित करें जहां रेहड़ी वालों की मार्केट बनाई जा सके। यदि यही काम निगमायुक्त महोदय उन्हें उजाडऩे से पहले कर लेते तो वे एक कुशल प्रशासक तो कहलाते ही साथ में रेहड़ी वालों को उनके सफाई अभियान के विरुद्ध धरने-प्रदर्शन आदि भी न करने पड़ते। चलो, देर आये, दुरुस्त आये।

जैसे कि पहले भी लिखा जा चुका है कि बाजारों में दुकानों के सामने से अवैध कब्जे हटाये जाने का अभियान सराहनीय है। इस अभियान की शुरूआत करते हुए जब निगम प्रशासन ने कड़ी चेतावनी जारी की तो तमाम लोगों ने अपनी दुकानों व घरों के सामने बने शेड व ग्रील इत्यादि हटा लिये। लेकिन अफसोस की बात यह है कि मुख्य बाजारों में, अपने आप को बड़ा प्रभावशाली मानने वाले कुछ दुकानदारों ने इस अभियान को धता बताते हुए अपने कब्जे बरकरार रखे हुए हैं। ऐसे लोगों ने आज तक भी अपनी दुकानों के सामने दस-दस फीट तक सडक़ घेर रखी है। यदि प्रशासन ऐसे लोगों को इनकी औकात बताते हुए, इन्हें कानून का पालन कराने में असमर्थ रहता है तो बाकी शरीफ दुकानदार भी प्रेरित होकर सडक़ें घेरने से बाज नहीं आयेंगे।

दुकानदारों के लिये समझने वाली बात यह भी है कि सडक़ों पर अवैध कब्जे होने के कारण लगने वाले जाम के चलते शॉपिंग करने के लिये ग्राहक भी आने से कतराते हैं। वे शॉपिंग के लिये अन्य वैकल्पिक स्थानों की ओर निकल पड़ते हैं। ऐसे में शहर के दुकानदारों को यदि अपना व्यापार बचाये रखना है तो बाजार को इस लायक बनाये रखें कि ग्राहक उन तक आने में कोई असुविधा महसूस न करें।

रेहड़ी वालों को भी दिमाग से यह वहम निकाल देना चाहिये कि उनका कारोबार भी भीड़-भाड़ वाले बाजारों में ही अधिक चल सकता है। उन्हें समझ लेना चाहिये कि उनके ग्राहक तो उन्हीं के पास आयेंगे वे चाहे जहां बैठा दिये जायें। जब रेहड़ी वालों की पूरी मार्केट ही एक अलग जगह पर बसा दी जायेगी तो उनके ग्राहक आज नहीं तो कल उन तक पहुंच ही जायेंगे बल्कि हो सकता है कि कुछ ज्यादा संख्या में ही पहुंचे।

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Mazdoor Morcha
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