बाईपास चौड़ाने के नाम पर 20 किलोमीटर में हजारों पेड़ काट दिये,10 शोरूम बचाने के लिये
फरीदाबाद (म.मो.) बाईपास को 12 लेन का हाईवे बनाने की मूल योजना के अनुसार इसे गुडग़ांव नहर की ओर खाली पड़ी सरकारी ज़मीन पर बनना था। इसके लिये बसेलवा कॉलोनी, सेक्टर 18 व 17 के सामने पडऩे वाली झुग्गी बस्तियों को तुर्त-फुर्त साफ कर दिया गया। रास्ते में अटक रही खेड़ी पुल चौकी को भी वहां से हटा दिया गया। लेकिन मामला सेक्टर 9 के सामने आकर अटक गया। यहां 8-10 बड़े आलीशान शो रूम बने हुए हैं जो कि पूरी तरह से अवैध है, इनका कोई नक्शा पास नहीं है, ज़मीन भी नहर विभाग व ‘हूडा’ की है जिसका मुआवजा सरकार एक से अधिक बार दे चुकी है।
करोड़ों की लागत से बने ये शोरूम बचाने के लिये हाईवे की एलाइनमेंट ही बदल दी गयी। पहले जो एलाइनमेंट नहर के साथ से जानी थी अब उसे उक्त सेक्टरों के पीछे स्थित ग्रीन बेल्ट की ओर कर दिया गया। इस ग्रीन बेल्ट में हजारों बड़े पुराने व भारी पेड़ों के अलावा ‘हूडा’ द्वारा निर्मित रोज़ गार्डन भी था, जो सब तहस-नहस कर दिये गये।
कानूनी तौर पर ग्रीन बेल्ट पर उन सेक्टर वासियों का अधिकार है जिन्होंने ‘हूडा’ को पैसा देकर प्लॉट खरीदे हैं। विदित है कि प्लॉट की कीमत में सड़कों, पार्कों, ग्रीन बेल्ट आदि के लिये छोड़ी गयी ज़मीन की कीमत भी शामिल होती है। यानी कि सड़कों व पार्कों आदि की तरह ग्रीन बेल्ट पर भी प्लॉट धारकों का कानूनी अधिकार होता है। इसके बावजूद सरकार ने ग्रीन बेल्ट व रोज गार्डन को सेक्टर वासियों से छीन लिया। जानकार बताते हैं कि उक्त शोरूम वालों ने स्थानीय सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गूजर को जैसे-तैसे पटाया, इसके लिये मोटा लेन-देन होना स्वाभाविक है। सूत्र तो यहां तक भी दावा करते हैं कि तत्कालीन प्रशासक दहिया ने उक्त शोरूम को तोडऩे का प्रयास किया तो मंत्री ने सीपी को कह कर पुलिस बल देने से रोक दिया। जबकि मंत्री खेमे के लोग उल्टे प्रशासक पर ही आरोप लगाते हैं कि उन्होंने मोटे पैसे डकार कर एलाइनमेंट बदलवाई थी। सच्चाई चाहे कुछ भी हो जनता के हकूक पर कुठाराघात करते हुए उन से ग्रीन बेल्ट व रोज़ गार्डन छीन लिया गया है। दुख की बात तो यह है कि सेक्टर वासियों के हितैषी होने व उनके अधिकारों की रक्षा करने का दावा करने वाली किसी भी आर डब्लूए ने चूं तक नहीं की। करें भी कैसे, उन्हें राजनेताओं व अफसरों की चापलूसी के सिवाय और आता ही क्या है।