नये श्रम कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन …अंदाज अपना-अपना
फरीदाबाद (म.मो.): 28 अक्टूबर को मोदी सरकार के बनाये दो नये श्रम कानूनों के खिलाफ दो मजदूर यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किये, लेकिन दोनों के अंदाज अपने-अपने थे। भारतीय मजदूर संघ ने जहां 12 सैक्टर के श्रम विभाग के कार्यालय से जुलूस शुरू किया और लघु सचिवालय जाकर डीसी को ज्ञापन सौंपा वहीं इन्कलाबी मजदूर केन्द्र ने लघु सचिवालय पर ही प्रदर्शन किया।
इन्कलाबी मजदूर केन्द्र के श्रमिकों ने जमकर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और नेताओं ने श्रम कानून में किये गये बदलावों के बारे में विस्तार से मजदूरों को समझाया कि किस तरह ये कानून मजदूर हितों पर कुठाराघात करेंगे।
दूसरी तरफ आरएसएस के भारतीय मजदूर संघ ने सिर्फ वन्देमातरम् और भारत माता की जय के नारे लगाये। उन्होंने बड़ी ही दबी आवाज में सरकार से नये कानूनों को वापिस लेने की मांग की लेकिन पूरी एहतियात बरती कि कहीं भूल से भी मोदी या बीजेपी या आरएसएस का नाम बीच में ना आ जाये। जब उनके एक नेता से पूछा कि भाईसाहब ये नये कानून तो मोदी जी लाये हैं तो आप उनके खिलाफ नारे क्यों नहीं लगा रहे हो तो वो हंसकर टाल गये।
स्पष्ट है कि आरएसएस की मजदूर यूनियन मजदूरों मे ंअपनी पैठ बनाये रखने के लिये सिर्फ विरोध की रस्म अदायगी कर रही थी। लेकिन इस रस्म अदायगी के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ा ये नये कानूनों के प्रति मजदूरों में फैले भारी असंतोष को दर्शाता है।