मज़दूर मोर्चा ब्यूरो स्वास्थ्य एवं शिक्षा संबंधी सेवाओं से पल्ला झाड़ चुकी भाजपाई सरकार इन दोनों क्षेत्रों में विकास का ढोल पीट कर अपनी पीठ थपथपाने से कतई बाज नहीं
मज़दूर मोर्चा ब्यूरो बीते नौ साल के दौरान केंद्र में मोदी व राज्य में खट्टर सरकार की नाकामी व तमाम जनविरोधी कार्रवाइयों के चलते भाजपाइयों को आगामी चुनावों में अपना
फरीदाबाद (म.मो.) शायद ही कोई ऐसा दिन होता होगा जिस दिन इस अस्पताल की लैब में कोई काम सही ढंग से होता हो, यहां जरूरत से आधे कर्मचारी और वे
मज़दूर मोर्चा ब्यूरो जब से शत्रुजीत कपूर ने राज्य विजीलेंस ब्यूरो का काम सम्भाला है तब से ब्यूरो के काम-काज में अति सक्रियता नज़र आने लगी है। अब तक ब्यूरो
फरीदाबाद (म.मो.) दिनांक 12 जनवरी को पांच नम्बर के एच ब्लॉक स्थित प्लॉट नम्बर 90 पर उस समय अच्छा-खासा हंगामा खड़ा हो गया जब पुलिस बल सहित निगम के अधिकारी
फरीदाबाद (म.मो.) सात साल राज करने के बाद सीएम खट्टर को अपने उन कर्मचारियों की हरामखोरी नजर आने लगी है जो काम पर आए बिना या देरी से आने के
मज़दूर मोर्चा ब्यूरो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे खट्टर ने संघ की असली फासीवादी विचारधारा का आखीर सार्वजनिक प्रदर्शन कर ही दिया। संघ की शाखाओं में नन्हें बालकों के
करनाल (म.मो.) हर साल धान की सरकारी खरीद पहली अक्तूबर से पूरे हरियाणा पंजाब में शुरू होती आई है। परन्तु इस बार सरकार ने 11 अक्तूबर से खरीदारी शुरू करने
फरीदाबाद (म.मो.) खोरी मामले को लेकर 20 सितम्बर को फरीदाबाद नगर निगम सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ। इनके वाहियात जवाब व अक्रमण्यता को देख कर सर्वोच्च अदालत ने जम कर
कोरोना आये या प्रलय सरकार के पास गरीबों के लिए अस्पताल नहीं अस्तबल ही हैं… विवेक कुमार की ग्राउंड रिपोर्ट सेक्टर 7 फरीदाबाद ईएसआई अस्पताल में गरीब मजदूर इलाज करवाने