करनाल। नगर-निगम के वरिष्ठ अभियंता कार्यालय की वीडियो वायरल की धमकी देकर रिश्वत के पैसों से हिस्सा मांगने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर व सहयोगी को कोर्ट में पेश कर रिश्वतखोरी के खेल से पर्दा उठाने की तैयारी की जा रही है। इस मामले में एसई दीपक को सस्पेंड किया गया है, जबकि एसई के पीए व कंप्यूटर ऑपरेटर को टर्मिनेट कर दिया गया है। सीआईए पुलिस ने नगर निगम के एसई को वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें एक एसई कार्यालय में काम करने वाला कंप्यूटर ऑपरेटर शुभम है और दूसरा उसका साथी साहिल है। दोनों ने रिश्वत का वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए एक बड़ी राशि की मांग रखी थी।
इस मामले में पुलिस के जाँच अधिकारी मोहन लाल ने बताया कि सिविल लाइन थाना में 17 दिसंबर को नगर निगम के एसई दीपक ने शिकायत देकर वीडियो डाल कर पैसे की डिमांड करने का आरोप लगाया था। आरोप लगाया कि वीडियो भेज कर पैसों की डिमांड कर वीडियो को करनाल के 2 सोशल मीडिया चैनल पर वायरल करने की धमकी दी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए शुभम एसई कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर उसके साथी को कैथल से दबोच लिया। एक वीडियो में एसई का पीए ठेकेदार से पैसे लेते हुए दिखा। कई वीडियों में एसई कार्यालय में ठेकेदारों से रिश्वत लेता दिख रहा है। पुलिस इस मामले से कई राज उजागर करने की नीयत से आरोपियों को अदालत से रिमांड लेकर कईयों के चेहरे पर नकाब उतारने की रणनीति बना ली। पुलिस रिमांड के दौरान यह पता लगाएगी कि पैसे कहां से आए थे, कौन दे रहा था, कौन ले रहा था, वीडियो किसने बनाया, कैसे बनाया तथा इसके पीछे के राज क्या है? माना जा रहा है कि यदि इस मामले की निष्पक्षता से जांच की जाएगी तो कई बड़े सफेदपोश मगरमच्छ सामने आएंगे क्योंकि नगरनिगम में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ नगर निगम के कई दबंग पार्षद बोलते रहे।
अनिल विज को लपेटने की तैयारी शहरी स्थानीय निकाय महकमा अनिल विज से लेकर नये-नये मंत्री बने डा. कमल गुप्ता को देने के बाद अब महकमे के अन्दर चलते आ रहे घोटालों का पर्दाफाश होने लगा है। महकमे में यह रिश्वतखोरी कोई नयी नहीं है। कोई शहर ऐसा नहीं बचा जहां यह धंधा न होता हो। रिश्वतखोरी में निलम्बित एसडी दीपक किंगर यहां से पहले फरीदाबाद में अपने रंग दिखा चुका है। जानकार बताते हैं कि इसकी डिग्री भी नकली है। जानकार सूत्रों के अनुसार पानीपत निगम में चल रहे घोटालों को लेकर सीआईडी चीफ द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्र को भी जानबूझकर लीक किया गया बताते हैं। समझा जाता है कि खट्टर साहब विज को लपेटने के लिए ग्राऊंड तैयार कर रहे हैं। अभी तो गुरूग्राम एवं फरीदाबाद निगम का पिटारा खुलना बाकी है।