मज़दूर मोर्चा ब्यूरो बीते सप्ताह मध्यप्रदेश बजरंग दल के नेता लेख राज व हिंदू जागरण मंच के नेता लखन नेजर की राजगढ़ जि़ले के गांव बरखेड़ा के निकट कुंए में गिर कर मौत हो गयी। उपलब्ध जानकारी के अनुसार ये दोनों व इनका एक साथी मध्य रात्रि को अपनी कार तेज गति से दौड़ाते हुए जा रहे थे कि उनकी नज़र यकायक सडक़ पर मृत पड़ी एक गाय पर पड़ी। उससे बचने के चक्कर में कार का संतुलन ऐसा बिगड़ा कि कार पास के 40 फीट गहरे कुंए में जा गिरी। कुंए में गिरने से पहले एक व्यक्ति तो चलती कार से कूद गया, जो मरने से तो बच गया लेकिन घायल काफी हो गया, जिसे इन्दौर के अस्पताल में दाखिल कराया गया। उधर बाकी दोनों कार सहित कुंए में जा गिरे। इन्हें बीते सोमवार (16 दिसम्बर) को प्रात: पांच बजे क्रेन की मदद से निकाला गया। कार में पानी भर जाने के चलते दोनों का जान गंवाना स्वाभाविक था।
ऐसा ही कुछ यूपी के गौ-भक्त मुख्यमंत्री योगी के साथ भी होता-होता रह गया। चीफ ऑफ डिकेंस स्टॉफ विपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गये विंग कमांडर पृथ्वी सिंह को श्रद्धांजलि देकर योगी जब वापस लौट रहे थे तो यकायक उनके लश्कर के सामने गायों व सांडों का एक बड़ा झुंड आ गया। भाजपा द्वारा संरक्षित पशुओं का यह झुंड सडक़ छोडऩे को बिल्कुल तैयार नहीं थे। सुरक्षाकर्मी जब उन्हें हटाने को आगे बढे तो वे उन्हें मारने को आये। काफी देर बाद बड़ी मुश्किल से अन्य लोगों की मदद से योगी के लिये रास्ता बन पाया।
अब से पहले तक फरीदाबाद व अन्य शहरों व कसबों में सांडों व गायों द्वारा आम लोगों के मारे जाने एवं दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरें तो देखने-सुनने को मिलती रही हैं; लेकिन यह पहला मौका है जब गौवंश की राजनीति करने वाले तथा इसी के नाम पर लोगों की हत्या करने वाले खुद लपेटे में आने लगे हैं। वैसे भाजपा शासित राज्यों में इन आवारा पशुओं को लेकर किसानों व अन्य लोगों में पहले से ही काफी रोष चला आ रहा था, परन्तु अब यूपी चुनाव में भी यह एक बड़ा मुद्दा बनता नज़र आ रहा है।