मेट्रो हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में खून का काला व्यापार सुपर स्पेशलिटी होने का दावा खोखला साबित

मेट्रो हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में खून का काला व्यापार सुपर स्पेशलिटी होने का दावा खोखला साबित
January 16 17:38 2022

मजदूर मोर्चा बयूरो
फरीदाबाद। मेट्रो हॉस्पिटल फरीदाबाद का सुपर स्पेशलिटी होने का दावा जाँच में पूरी तरह से खोखला साबित

फरीदाबाद के सीनियर ड्रग कंट्रोल इंस्पेक्टर (वरिष्ठ औषधि नियंत्रण जांच अधिकारी) राकेश दहिया द्वारा मेट्रो अस्पताल फरीदाबाद के ब्लड बैंक में 21 दिसंबर की जाँच ने इस पर मुहर लगा दी है।

सैनिक कॉलोनी निवासी तरुण चोपड़ा ने राज्य औषधि नियंत्रक (स्टेट ड्रग कंट्रोलर पंचकूला) को मेट्रो हॉस्पिटल फरीदाबाद के ब्लड बैंक में चल रही अनियमितताओं के बारे में शिकायत भेजी थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए गवर्निंग विभाग स्टेट ड्रग कंट्रोलर (राज्य औषधि नियंत्रक पंचकूला) द्वारा मेट्रो अस्पताल के ब्लड बैंक में जांच हेतु निर्देश जारी किए गए। जिसके तहत एक जाँच टीम का गठन किया गया जिसमें फरीदाबाद के सीनियर ड्रग कंट्रोल इंस्पेक्टर राकेश दहिया के साथ सेंटर CDSCO (केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन) से एक अन्य अधिकारी सुरेश कलवानिया की टीम द्वारा 21 दिसंबर को मेट्रो अस्पताल के ब्लड बैंक में घंटों की लंबी जाँच  चली।

जाँच के बाद गठित टीम के द्वारा मेट्रो अस्पताल के ब्लड बैंक में चल रही अनियमितताओं तथा वायलेशंस पर अपनी 21 दिसंबर की जांच रिपोर्ट SDCO– 2021/4890 द्वारा मुहर लगा दी गई है ।

जांच के दौरान निम्नलिखित 9 मुख्य बिंदुओं पर पाई गई कमियां तथा उल्लंघन:
1) उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार रक्तदान और प्लेटलेट एफेरेसिस सहित रक्त केंद्र का संचालन चिकित्सा अधिकारी की देखरेख के बिना किया जा रहा है।
2) जाँच के दौरान ब्लड बैंक में उपलब्ध रिकॉर्ड तथा रजिस्टर कार्यप्रणाली अनुरूप नहीं पाए गए।
3) मेट्रो ब्लड बैंक द्वारा ब्लड प्लेटलेट कंसंट्रेट आईपी का गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षण (Quality Control Test) नहीं किया जा रहा है।
4) रक्त एफेरेसिस प्रक्रियाओं के लिए डोनर काउच ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं पाया गया।
5) डॉक्टर निशा शेरावत को फॉर्म 26 प्रतिशत के तहत मेट्रो ब्लड बैंक में चिकित्सा अधिकारी के तहत पृष्ठांकित पाया गया, हालांकि उपलब्ध अभिलेखों से ब्लड बैंक केंद्र गतिविधि तथा कार्य प्रणाली के साथ उनका जुड़ाव स्पष्ट नहीं पाया गया।
6)किट का स्टॉक, किट उपयोग और उपलब्धता को सत्यापित करने के लिए किटों की सूची का रखरखाव सही नहीं पाया गया।
7) किट के भंडारण तथा रखरखाव के लिए उपलब्ध रेफ्रिजरेटर पैथोलॉजी लैब में प्रयोग योग्य सामग्री से भरा मिला।
8)अधिकांश रक्त यूनिट्स आधे अधूरे लेबल्स के साथ पाए गए जिन पर रक्त एकत्र करने की तारीख, रक्त किसके द्वारा एकत्र किया गया तथा उसकी एक्सपायरी डेट उन पर नहीं मिली।
9) ब्लड बैंक में प्लेटलेट सांद्रता (Platelet Concentrate) का संग्रहण तथा समाप्ति 5 दिनों के बजाय 6 दिन निर्धारित पाई गई।

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के नाम पर मरीजों से लाखों डकार लेने वाले मेट्रो अस्पताल का पर्दाफाश हो चुका है। अस्पताल की रीढ की हड्डी कहे जाने वाले ब्लड बैंक में पाई गई गंभीर अनियमितताएं तथा वायलेशन पूरे अस्पताल प्रबंधन तथा हरियाणा सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दिए जाने के दावे पर एक प्रश्न चिन्ह है। मेट्रो ब्लड बैंक की अनर्थव्यवस्था और गंभीर वायलेंशनस की स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि मेट्रो अस्पताल प्रबंधन स्वयं ही वेंटिलेटर पर है, लिहाजा मेट्रो अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की क्या दुर्दशा होगी।

आरटीआई (2021/1045) 9.11.2021 से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेट्रो अस्पताल के खिलाफ सिविल सर्जन फरीदाबाद को जनवरी 2018 से अगस्त 2021 तक कुल 15 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। यह तो केवल उन शिकायतों का रिकॉर्ड है जिन पीडि़त जागरुकों द्वारा शिकायतें की गई हैं ।

ब्लड बैंक की इन अनियमितताओं के चलते मेट्रो अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों रक्त दिए जाने के कारण उत्पन्न हुई गंभीर स्थिति, इलाज के दौरान हुई मौतों, मेडिकल हिस्ट्री तथा रिकॉर्ड की जांच होनी चाहिए।

फरीदाबाद वरिष्ठ औषधि नियंत्रण जांच अधिकारी (सीनियर ड्रग कंट्रोलर अफसर) श्री राकेश दहिया द्वारा इस जाँच  रिपोर्ट को राज्य औषधि नियंत्रक (स्टेट ड्रग कंट्रोलर पंचकूला) को उचित कार्रवाई हेतु भेज दिया गया है जिसके तहत अस्पताल प्रबंधन तथा ब्लड बैंक पर वायलेशंस तथा अनियमितताओं के चलते शो कॉज नोटिस दिए जाने तथा (सेक्शन 122 ओ) के तहत कार्रवाई करने का प्रस्ताव भेजा गया है अब आगे राज्य औषधि नियंत्रक पंचकूला द्वारा इन गंभीर वायलेशनस पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एक्ट के तहत कारवाई होना बाकी है।

अब देखने वाली बात यह है कि पंचकूला में बैठे उच्चाधिकारी इस अस्पताल के विरुद्ध कार्रवाई करते हैं या सौदेबाजी करके मामले को रफा-दफा कर देते हैं। इसके अलावा खबर यह भी मिली है कि इस तरह की जांच-पड़ताल रोटरी क्लब के ब्लड बैंक की भी की गई है। उसमें भी ऐसी अनियमितताएं देखने में आई है। उसके विरुद्ध भी कोई कार्रवाई होती या नहीं यह तो समय बतायेगा।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles