कॉल सेंटर से उगाही करने वाले फऱार एसएचओ को बचाने में जुटी सरकार 57 लाख की वसूली का पैसा किन-किन तक पहुँचा, जाँच कौन करेगा

कॉल सेंटर से उगाही करने वाले फऱार एसएचओ को बचाने में जुटी सरकार  57 लाख की वसूली का पैसा किन-किन तक पहुँचा, जाँच कौन करेगा
January 03 08:08 2021

मज़दूर मोर्चा ब्यूरो

गुडग़ाँव : कॉल सेंटर मालिक से गुडग़ाँव के पुलिसकर्मियों द्वारा 57 लाख रूपये की वसूली के मामले ने हरियाणा पुलिस में करप्शन की बखिया उधेड़ दी है। खेडक़ीदौला के फऱार एसएचओ विशाल को बचाने के लिए आला पुलिस अफ़सर जुट गए हैं। फऱार एसएचओ विशाल का पूरा ख़ानदान हरियाणा पुलिस में है, जिसका उसे लाभ मिल रहा है। इस मामले में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उससे लगता है कि फऱार एसएचओ की पहुँच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज तक है। एसएचओ विशाल से जुड़े और उससे रिश्वत का पैसा लेने वाले ऊपर के अफ़सरों पर कार्रवाई न होना तो कम से कम यही साबित होता है। एसएचओ के जिस भरोसेमंद मुख्य सिपाही अमित को इस मामले में पकड़ा गया है, उससे चौकसी ब्यूरो की टीम कुछ उगलवा नहीं सकी है। सूत्रों के मुताबिक़ पुलिस हिरासत में उससे आकर एक पुलिस अफ़सर ने मुलाक़ात की और उसे अपना मुँह बंद रखने की सख़्त हिदायत दी।

क्या है पूरा मामला

राज्य चौकसी ब्यूरो की टीम ने थाना खेडक़ी दौला, गुडग़ाँव  के मुख्य सिपाही अमित को कॉल सैन्टर मालिक नवीन भूटानी, निवासी उत्तम नगर, दिल्ली से मंगलवार को 5 लाख रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो गिरफ़्तार  किया।

नवीन भूटानी ने राज्य चौकसी ब्यूरो में शिकायत दी कि उसने करनाल की एक पार्टी के साथ कुछ समय बिजऩेस किया था। जिनके साथ उसका पैसों के लेन-देन में झगड़ा हो गया था। इसी सम्बंध में उन्होने उसे अप्पू घर गुडग़ाँव  में मिलने बुलाया था। वहां से कुछ पुलिस वाले उसे गाड़ी में बैठाकर थाना खेडक़ी दौला में एसएचओ विशाल के पास ले गए और विशाल ने अपने ऑफिस में उसके (नवीन भूटानी) साथ मारपीट की और उसके लैपटॉप को क़ब्ज़े में ले लिया। लैपटॉप  से उसके कारोबार के बारे में सूचना लेकर एसएचओ ने उससे एक करोड़ रुपये की मांग की और न देने पर पूरी उम्र जेल में कटवाने की धमकी दी।

डर के मारे उसने फोन के ज़रिए अपने घर वालों और रिश्तेदारों से 57 लाख रूपये  का इंतजाम किया। मंगलवार को उन्होने उसे वहां से करीब 15 किमी दूर एक फ़ार्महाउस पर रखा। अगले दिन यानि बुधवार को उसके दोस्त मोनू ने मुख्य सिपाही अमित को 57 लाख रुपये  का बैग दिया, तब जाकर करीब 6:30 बजे शाम को उसे छोड़ा गया। लेकिन उसके दस्तावेज व लैपटॉप वापस नहीं किये।

गुरुवार को जब उसने लैपटॉप और दस्वात वापस माँगे तो मुख्य सिपाही अमित ने उसे बताया कि लैपटॉप व दस्तावेज देने की एवज में एसएचओ विशाल 10 लाख रूपये  और मांग रहा है। जिसकी उसने फ़ोन पर रिकार्डिंग कर ली।

इस शिकायत पर राज्य चौकसी ब्यूरो के निरीक्षक त्रिभवन के नेतृत्व में टीम का गठन किया और राज्य चौकसी ब्यूरो गुडग़ाँव में केस दर्ज कराया। लेकिन इसकी जाँच फरीदाबाद चौकसी ब्यूरो को सौंपी गई है।

विजिलेंस टीम ने मंगलवार को मुख्य सिपाही अमित कुमार थाना खेडक़ी दौला को नवीन भूटानी से 5 लाख रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफतार कर लिया। लेकिन सूचना पाकर एसएचओ विशाल फऱार हो गया।

फऱार एसएचओ को कौन बचा रहा

एसएचओ विशाल के अधिकांश रिश्तेदार हरियाणा पुलिस में है। इसका सिलसिला आईजी सीएम उडऩदस्ता राजेन्द्र कुमार से शुरू होकर उनके सगे साले एसपी सुमित तक जाता है। सुमित के पास डीसीपी पानीपत का चार्ज रहा है। सुमित का सगा भाई इस समय फरीदाबाद सेक्टर-17 का एसएचओ है। विशाल, एसपी सुमित का मौसेरा भाई है।

गुडग़ाँव पुलिस के सूत्रों का कहना है कि गुडग़ाँव के कॉल सेंटर मालिक से 57 लाख रूपये के उगाही की यह पहली घटना नहीं है। गुडग़ाँव में चलने वाले अवैध कॉलसेंटरों से करोड़ों की उगाही एसएचओ के ज़रिए कराई जाती है, जिसका हिस्सा ऊपर तक जाता है। इस अवैध उगाही में बड़ी मछलियाँ शामिल हैं। किसी एसएचओ में न तो इतनी ताक़त है और न ही उसकी औक़ात है कि वह एक कॉलसेंटर से 57 लाख रूपये की वसूली कर अकेले खा जाए।

इस मामले में बड़ी मछलियों पर कार्रवाई न करने के लिए सीधे आरोप सीएम खट्टर और गृहमंत्री विज पर लग रहे हैं। बार बार गुडग़ाँव का दौरा करने वाले खट्टर और विज आखऱि क्यों इस धंधे की बड़ी मछलियों पर हाथ डालने से क्यों कतरा रहे हैं।

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