सरकारी स्कूलों के गरीब और प्रतिभाशाली बच्चों के बीच सेलफोन बैंक धूम मचा रहा है

सरकारी स्कूलों के गरीब और प्रतिभाशाली बच्चों के बीच सेलफोन बैंक धूम मचा रहा है
December 02 07:17 2020

डीईईओ रितु चौधरी के सेलबैंक की मची धूम, सरकारी स्कूलों के 150 बच्चों को बांटे गए मोबाइल

डीसी फरीदाबाद यशपाल यादव ने अभियान की प्रशंसा की

मजदूर मोर्चा ब्यूरो

फरीदाबाद: सरकारी स्कूलों के गरीब और प्रतिभाशाली बच्चों के बीच सेलफोन बैंक धूम मचा रहा है। स्कूलों में कार्यक्रमों का आयोजन कर गरीब और प्रतिभाशाली बच्चों को मोबाइल फोन बांटे जा रहे हैं, ताकि ऐसे बच्चे भी आनलाइन पढ़ाई का अपना सपना पूरा कर सकें। कोविड19 की वजह से स्कूल बंद पड़े हैं और बच्चे घरों से ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। रसूखदार बच्चों को तो हर सुविधा की तरह मोबाइल फोन भी उपलब्ध है, लेकिन सरकारी स्कूलों में ऐसे गरीब और प्रतिभाशाली बच्चों की संख्या ज्यादा है जिनके पास आनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं है। ऐसे ही बच्चों के सपनों को साकार करने में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (डीईईओ) रितु चौधरी तन, मन, धन से जुटी हुई हैं।

पाठकों को याद होगा कि मजदूर मोर्चा ने अपने 15-21 नवम्बर के अंक में इस पर विस्तार से रोशनी डाली थी कि किस तरह एक महिला अधिकारी सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले गरीब और प्रतिभाशाली बच्चों की जिन्दगी में नये रंग बिखेर रही हैं।

इस हफ्ते 24 और 27 नवम्बर को मोबाइल बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद और रोटरी क्लब फरीदाबाद आस्था के संयुक्त तत्वाधान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 7 फरीदाबाद में सरकारी स्कूलों के गरीब, एकल अभिभावक वाले प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को 100 स्मार्टफोन बांटे गए। समारोह के मुख्य अतिथि फरीदाबाद के डीसी यशपाल यादव थे जबकि अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी सतिंदर कौर वर्मा ने की।

इस मौके पर जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने जिला मौलिक शिक्षा विभाग और रोटरी क्लब का गरीब प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को मोबाइल वितरण का रचनात्मक कार्य करने के लिए आभार जताया। यादव ने कहा कि शिक्षा एक जीवंत प्रक्रिया है। वैश्विक महामारी के दौरान ई-लर्निंग में कोई बाधा ना हो इसके लिए गरीब प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को मोबाइल वितरण के इस अभियान को सार्थक करने के लिए विद्यार्थियों से अच्छे  नतीजे लाने की उम्मीद जताई। कार्यक्रम की आयोजक व प्रेरक जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी ने मोबाइल बैंक व कर्मा बैंक में समाज के सक्षम व समृद्ध लोगों से नए – पुराने मोबाइल व पुस्तकें दान करने के लिए आह्वान किया।

मोबाइल वितरण का अगला कार्यक्रम शुक्रवार 27 नवम्बर को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अजऱौंदा, फरीदाबाद में आयोजित किया गया, जिसमें 50 मोबाइल वितरित किए गए। डीईईओ रितु चौधरी ने कहा कि गरीब प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करने का यह क्रम आगे भी जारी रहेगा।

कार्यक्रम आयोजन समिति के सदस्य सतेन्द्र सौरोत ने बताया की सभी कार्यक्रमों में कोविड-19 वैश्विक महामारी से बचने के निर्देशों का भी पालन किया गया। छात्र छात्राओं के माता-पिता तथा अभिभावकों ने इस छात्र उपयोगी पहल के लिए शिक्षा विभाग व रोटरी क्लब का आभार व्यक्त किया।  छात्र छात्राओं ने भविष्य में अच्छे अंक लेकर उत्तीर्ण होने के लिए आश्वस्त किया। कार्यक्रम में रितु चौधरी की पूर्व शिष्या कुमारी चेतना ने अपने अनुभवों से सभी को अवगत कराया।

कार्यक्रम में रोटरी क्लब फरीदाबाद आस्था के प्रधान अविकल आर्य, उपप्रधान आनंद बजाज, सचिव साहिल ग्रोवर, आगामी प्रधान सुशांत गुप्ता, पूर्व प्रधान राज भाटिया, प्रतीक गुप्ता, गौतम मल्होत्रा तथा सदस्य मनुज अधलखा, मनीष अग्रवाल व भवतोष हांडा उपस्थित रहे।

कार्यक्रम आयोजन समिति में प्रधानाचार्या रंजना मेहता, विद्यालय शिक्षा अधिकारी संगठन के जिला अध्यक्ष सतेन्द्र सौरोत, जयप्रकाश, रमेश चंद्र, नरेंद्र कुमार, गजेंद्र, विमल कुमार, अमित जैन, सुमन लता, नीना अहलावत, ललित भारद्वाज, हरबीर सिंह, सरोज बाला, देशराज सिंह आदि ने संपूर्ण व्यवस्था में योगदान दिया। मंच संचालन प्रधानाध्यापक रूद्र दत्त शास्त्री ने किया।

मोबाईल फोन वितरण के इस कार्यक्रम को दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की उस छात्रा के संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए। जिसने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए लैपटॉप न मिल पाने की वजह से इसी माह आत्महत्या कर ली थी।

हैदराबाद से आने वाली वह छात्रा निहायत ही गरीब परिवार से थी लेकिन वह अपने स्कूल की टॉपर थी। दिल्ली के इस कॉलेज में दाखिला मिलने के बाद उसका वजीफा मंजूर तो हो गया था। परन्तु इस देश की लुंज-पुंज व्यवस्था के चलते वजीफा कई महीनों से फाइलों में अटका पड़ा रहा। छात्रा और अधिक समय तक उसकी प्रतीक्षा करने में असमर्थ थी और आत्महत्या कर ली। यदि लेडी श्रीराम कॉलेज में भी कोई रितु चौधरी होती तो उस प्रतिभाशाली छात्रा को जान से हाथ न धोना पड़ता।

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Mazdoor Morcha
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