फरीदाबाद (म.मो.) जि़ले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है बीके, यहां रोज़ाना हज़ारों वे गरीब मरीज़ आते हैं जो महंगे व्यापारिक अस्पतालों तक जाने का खर्च वहन नहीं कर सकते। शनिवार 25 दिसम्बर को इस असपताल में करीब आठ घंटे तक बिजली पूर्णतया ठप्प रही। पूरे अस्पताल में घुप अंधेरा छाया रहा। उसके चलते एक्सरे, अल्ट्रासाऊंड, ऑपरेशन थियेटर, लैबोरेट्रीज व फीजियोथरेपी आदि के सब काम बंद हो गये। और तो और नवजात शिशुओं को रखने वाली नर्सरी भी बंद हो गयी। उस वक्त यहां 13 नवजात बच्चे नर्सरी में थे। सूचना मिलने पर उनके परिजन उन्हें लेकर अन्यत्र कहीं प्राइवेट अस्पतालों में चले गये। उनकी जान बचाने के लिये यह अति आवश्यक था।
साधारणतया समझा जाता है कि बिजली विभाग की ओर से अचानक आपूर्ति फेल होने की वजह से यह सब हुआ होगा। लेकिन ऐसा नहीं था। एसडीओ ने बताया कि उनके क्षेत्र में पडऩे वाले बीके व एसकॉर्ट अस्पतालों पर उनकी खास नज़र रहती है।
कभी भी उनकी सप्लाई पांच मिनट से अधिक बाधित नहीं होने दी जाती। बीके अस्पताल के लिये विशेष तौर पर तीन ओर से पॉवर सप्लाई का प्रबन्ध किया गया है। पूछताछ करने पर पता चला कि अस्पताल में मौजूदा पॉवर-लोड कम पड़ रहा था। मौजूदा 600 केवी के पॉवर-लोक को बढ़ा कर 1200 केवी तक करने के लिये आवश्यक जो काम किया गया उसके लिये बिजली सप्लाई को बंद करना अति आवश्यक था। इसके लिये अस्पताल अधिकारियों ने स्वत: ही बिजली सप्लाई को रोक दिया था। बीते दिनों अस्पताल में अनेकों उपकरण ऐसे लगे हैं जिनके लिये पॉवर लोड बढ़ाना अति आवश्यक था। सूत्रों ने यह भी बताया कि यह काम करते समय बिजली की वैकल्पिक आपूर्ति को बनाये रखना सम्भव नहीं था। हां, इस काम के लिये शनिवार 25 दिसम्बर का दिन इसलिये रखा गया था कि वह छुट्टी का दिन था। रही बात नर्सरी में मौजूद 13 शिशुओं की, तो उनके परिजनों को न केवल समय पूर्व सूचित कर दिया गया था बल्कि उनके लिये वैकल्पिक व्यवस्था भी करा दी गई थी। इसके अलावा समय पूर्व अस्पताल में नोटिस लगा कर जनसाधारण को भी इस बावत सूचित कर दिया गया था।