करनाल, करनाल शहर में बीजेपी नेता और व्यापारी संजय गांधी के लापता होने के रहस्य से आज भी पर्दा न उठने से लोगों में भाजपा नेता एक पहेली बने हुए हंै। अभी तक उनका कोई सुराग नहीं लगने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पश्चिमी यमुना नहर के पास संजय गांधी की स्कूटी लावारिस हालत में मिलने से उनके नहर में डूबने की संभावनाएं जताई गई। नहर में गोताखोरों की टीम द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा है। उनकी मुख्यमन्त्री मनोहर लाल से नजदीकियां बताई जाती हैं।
करनाल के नरसी विलेज निवासी भाजपा नेता एवं व्यापारी संजय गांधी 23 अगस्त सुबह घर से निकले थे। वे अपने स्वीपर की स्कूटी लेकर गए थे। संजय गांधी के घर न आने की सूचना के बाद से परिजन उसकी खोज में लगे है।
बताते है कि संजय गांधी लॉकडाउन के समय से ही डिप्रेशन में चल रहे थे, क्योंकि उनके सामने बिजनेस में दिक्कत पेश आ रही थी। उनकी शूज की दुकान थी, काफी अच्छे व्यापारी थे। लॉकडाउन के समय में उन्होंने पार्टियों को उधार में सामान दे रखा था, जिन पार्टियों को सामान दिया हुआ था, वे पार्टियां पैसे नहीं दे रही थीं जबकि व्यापारी संजय गांधी को तो पैसे देने ही थे। इसलिए संजय गांधी डिप्रेशन में चल रहे थे।