बीके अस्पताल की दुर्दशा से संतुष्ट हैं पीएमओ सविता यादव, प्रशंसा का राष्ट्रीय प्रमाणपत्र जो है

बीके अस्पताल की दुर्दशा से संतुष्ट हैं पीएमओ  सविता यादव, प्रशंसा का राष्ट्रीय प्रमाणपत्र जो है
July 22 00:26 2022

फरीदाबाद (म.मो.) साधारण से साधारण डिलिवरी का मामला हो अथवा साधारण फै्रक्चर आदि के अधिकांश मरीज़ों को रैफर करने का काम पूरी लगन से यह मान कर किया जा रहा है कि यह अस्पताल तो बना ही रैफर करने के लिये है न कि इलाज करने के लिये। सबसे बढ़ कर, इन दिनों गजब की बात तो यह है कि डायरिया, पेचिश, व पेट दर्द जैसे मौसमी बीमारी से ग्रस्त बच्चों तक का इलाज यहां सम्भव नहीं हो पा रहा। और तो और ओआरएस का घोल व ड्रिप तक का सामान भी मरीज़ों को बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है, थोड़ी महंगी व महत्वपूर्ण दवाओं की तो बात ही छोड़ दीजिये।

इस सबके बावजूद पीएमओ डॉ. सविता यादव की बेशर्मी तो देखिये कि अपने अस्पताल की इन सब कमियों को नकारते हुए उल्टे मरीज़ों को ही झूठा बता रही हैं। चौड़े में झूठ बोलते हुए वे कहती हैं कि यहां किसी प्रकार की दवाईयों की कोई कमी नहीं है। आने वाले सभी मरीज़ों को दवाओं सहित बेहतरीन इलाज दिया जा रहा है। लगता है कि झूठ बोलने की प्रेरणा वे देश के राजनैतिक नेतृत्व से लगातार ले रही हैं। अपने झूठ एवं खोखले दावों को कायम रखने के लिये उनके पास बेहतरीन उपाय अपने दफ्तर में ही बैठे रहना है। वे कभी अपने वातानुकूलित कक्ष से बाहर निकलकर मरीज़ों एवं अस्पताल की दुर्दशा को देखना तक पसंद नहीं करती। अस्पताल में पंखे चल रहे हैं या नहीं, इससे इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, बस इनका एसी चलते रहना चाहिये।

जाहिर है कि यदि ये डॉक्टर साहिबा अपने कक्ष से निकल कर अस्पताल में घूमेंगी तो मरीज़ों की दुर्दशा भी नजर आयेगी। इन्हें सामने पाकर मरीज़ अपनी व्यथा-कथा भी इनके सामने रोयेंगे। मरीज़ों से सामना करने से बचने के लिये ही ये अपने कक्ष में बैठ कर ही टाइम पास करती रहती हैं। इनकी इस कार्यशैली के चलते सम्बन्धित स्टाफ भी अपने काम के प्रति लापरवाही एवं कोताही बरतने के लिये स्वतंत्र रहते हैं। इसी के चलते अस्पताल में बिजली, पानी व सफाई की व्यवस्था सदैव चौपट रहती है।

अस्पताल में तमाम तरह की कमियों व मरीज़ों की दुर्दशा के बावजूद डॉक्टर सविता का यह कहना कि उनके यहां तो सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है, इस बात का दृढ़ संकेत है कि वे इस दुर्दशा को ऐसे ही कायम रखेंगी। रही-सही कसर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केन्द्र की दो सदस्यीय टीम ने पूरी कर दी है। उनके द्वारा किये गये तथाकथित औचक निरीक्षण में उनहोंने इस अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को सर्वाेत्तम पाकर प्रथम श्रेणी का प्रमाणपत्र भी दे डाला। लगता है कि इस फर्जी टीम ने भी पीएमओ के वातानुकूलित कक्ष में बैठकर ही फर्जी रिपोर्ट तैयार करके अपने कत्र्तब्य की इतिश्री कर ली है। इस तरह का $फर्जीवाड़ा करनेवाली यही अकेली टीम नहीं है, इससे पहले भी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम आई थी जिसने इस अस्पताल को 89 प्रतिशत अंक देकर बहुत बढिय़ा होने का प्रमाण पत्र दिया था।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज जो अक्सर छापेमारी की नौटंकी करते देखे जाते हैं क्या उन्हें इस अस्पताल में हो रही मरीज़ों की ऐसी-तैसी नज़र नहीं आ रही या वे जान-बूझकर किसी दबाव के चलते धृतराष्ट्र बने बैठे हैं? चलो विज तो दूर बैठे हैं यहां के स्थानीय विधायक मंत्री-संत्री क्यों आंखें बंद किये बैठे हैं?

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Mazdoor Morcha
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