भिवानी (म.मो.) रजिस्ट्री के चर्चित फर्जीवाड़े पर भिवानी के डिप्टी कमिश्नर नरेश नरवाल ने अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है। गौरतलब है कि भिवानी के लोहड़ में स्थित बैपटिस्ट मिशनरी सोसायटी कॉर्पोरेशन की विवादित जमीन वसीका न. 6920 दिनांक 05-00-2022 की फर्जी रजिस्ट्री से संबंधित अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त, राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन, चण्डीगढ़ के माध्यम व अन्य आमजन से प्राप्त शिकायतों की जांच हेतु अतिरिक्त उपायुक्त भिवानी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था।
अतिरिक्त उपायुक्त कम-जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त द्वारा तुरन्त प्रभाव से तहसीलदार, वो अन्य संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ सरकार को विभागीय कार्यवाही करने हेतु अनुशंसा की और गई है। रजिस्ट्रेशन लिपिक को दिनांक 21-10-2022 को तुरन्त प्रभाव से निलम्बित करते हुए हरियाणा सिविल सेवा नियमावली-2016 के अन्तर्गत नियम-07 के तहत चार्जशीट करने के आदेश दिये गये थे।
अतिरिक्त उपायुक्त भिवानी की जांच रिपोर्ट के वर्णित अनुसार संबन्धित कानूनगो व पटवारी ने माननीय कलैक्टर भिवानी के न्यायालय से बैपटिस्ट मिशनरी सोसायटी कॉर्पोरेशन के हक में दिये गये फैसला दिनांक 29-08-2022 पर तथ्यों व दस्तावेजों की बगैर पुष्ठि किए व उपरोक्त फैसले के खिलाफ सक्षम न्यायालय में अपील अवधि ( 30 दिन) के प्रावधान को अनदेखा करते हुए इन्तकाल का अवैध इन्द्राज किया गया। जिसके आधार पर उपायुक्त द्वारा उपरोक्त कानूनगो व पटवारी को तुरन्त निलम्बित करते हुए हरियाणा सिविल सेवा नियमावली-2016 के अन्तर्गत नियम- 07 तहत चार्जशीट करने के आदेश दिये गये हैं।
वसीका नं0 6920 दिनांक 05-09-2022 के पंजीकरण के दौरान ओमबीर सिंह नम्बरदार निवासी गांव देवसर बतौर गवाह उपस्थित हुआ है, जबकि उक्त वसीका नं0 भिवानी लोहड़ क्षेत्र के अन्तर्गत है। ओमबीर सिंह नंबरदार ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर सरकार की हिदायतों को अनदेखा करते हुए संबंधित प्रोपर्टी व दोनों पक्षों की पुष्टि की है । जिसके संबंध में उपायुक्त द्वारा ओमबीर नंबरदार के खिलाफ कार्यवाही आरम्भ करने हेतू कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जगदीश सचदेवा विलेख लेखक व सज्जन वर्मा नोटरी पब्लिक के संबंध में अतिरिक्त उपायुक्त की जांच रिपोर्ट अनुसार उपरोक्त विलेख लेखक व नोटरी पब्लिक की कार्यशैली सन्देहाप्रस्त दर्शाई गई है और उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने बारे सिफारिश की है। जिस पर संज्ञान लेते हुए प्राकृतिक न्याय अनुसार कार्यवाही करते हुए उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट में कुछ अन्य गैर-निर्णायक कारक व विवादित प्रोपर्टी मामले में अपने विभिन्न हितों के साथ शामिल कुछ गैर-ईसाई व्यक्तियों की गहनता से जांच करवाने की सिफारिश की है। इसके अतिरिक्त इससे संबन्धित केस माननीय सिविल न्यायालय भिवानी व देश के अन्य न्यायालय में भी लम्बित है। अत: विषयाधीन मामले की गहनता से जांच करने हेतु सरकार को राजस्व विशेषज्ञ की सदस्यता सहित विशेष जांच दल(एस0आई0टी0) गठित करने बारे सिफारिश की गई है ताकि समाज के हितों की रक्षा को मद्देनजर रखते हुए बैपटिस्ट संगठन की संपत्ति बारे विवाद /मुद्दों के पीछे की वास्तविकता का पता लगाया जा सके।
सब रजिस्ट्रार व संयुक्त सब-रजिस्ट्रार भिवानी को निर्देश दिये कि विवादित वसीका नं0 6920 दिनांक 05-09-2022 के अस्वीकृति आदेश की रपट द्वारा खाना काफियत में इन्द्राज करेंगे व सक्षम न्यायालय व अन्य सक्षम प्राधिकारी के किसी भी आदेशों तक विवादित खसरा नंबर पर भविष्य के लिए तुरन्त प्रतिबन्ध लगायें। इसके अतिरिक्त भविष्य में सक्षम प्राधिकारी व सक्षम न्यायालय के निर्देश के बिना विवादित प्रोपर्टी सहित अन्य बीएमएस, बीएमएससी व बीसीटीए से संबंधित किसी भी सम्पत्ति दस्तावेज को पंजीकृत नहीं करेंगे। इसके अलावा जिले के समस्त सब-रजिस्ट्रार व संयुक्त सब-रजिस्ट्रार को हिदायत दी कि वसीका पंजीकरण के संबंध में सरकार के निर्देशानुसार सभी सब-रजिस्ट्रार व संयुक्त सब-रजिस्ट्रार रजिस्ट्रेशन लिपिक द्वारा की गई दस्तावेज की जांच पर भरोसा न करके स्वयं पंजीयक अधिनियम/नियमों के अनुसार उचित सत्यापन के उपरान्त रजिस्ट्री दस्तावेजों को चिन्हित करके आगामी प्रक्रिया हेतु संबंधित अधिकारी / कर्मचारी को अग्रेषित करेंगे।