छापामार गृहमंत्री अनिल विज के राज में हरियाणा चोरी से उत्तर प्रदेश को भेज रहा बिजली
फरीदाबाद (म. मो.) अचानक छापे मारने वाले हरियाणा प्रदेश के छापामार गृह मंत्री अनिल विज के राज्य में बड़े बिजली चोरों द्वारा आराम से बिजली न केवल हरियाणा में चुराई जा रही है बल्कि शासन-प्रशासन की मिलीभगत के साथ हरियाणा की बिजली फरीदाबाद जिले से यमुना पार करा कर उत्तर प्रदेश में भी बेची जा रही है।
साल 2014 से ही यह बिजली चोरी खट्टर सरकार की नाक के नीचे चल रही है। भाजपा सांसद कृष्णपाल गुर्जर जो मंझावाली पुल यमुना पर बनाकर नॉएडा से फरीदाबाद को जोड़ रहे थे उसका तो कोई अता-पता आज सालों बाद भी नहीं है पर पतंग उड़ाकर तार को जरूर फरीदाबाद से नॉएडा पहुंचा दिया गया है।
सूत्रों से पता चला कि तार को यमुना पार कराने के लिये पतंग से पहले मांझा नदी पार कराया गया। पार जा चुके मांझे से पतली रस्सी फिर पतली रस्सी से मोटी रस्सी और मोटी रस्सी की सहायता से तार को नदी पार करवाया गया। इतनी मेहनत इसलिए की गई ताकि चोरी का पता किसी को न चले। 11 केवीए की इस लाइन से यमुना पार अवैध बिजली बेच कर प्रदीप त्यागी नामक व्यक्ति मालामाल हो चुका है और उसकी इस चोरी में जेई से लेकर ऊपर तक सभी शामिल हैं। चोरी का भेद खुलते ही प्रदीप ने तीन ट्रांसफार्मर आनन-फानन में तो उतार लिए हैं पर अंदाजा है कि यमुना के दूसरी तरफ पांच 100 केवीए और 25 केवीए के लगभग पांच से सात अवैध ट्रांसफार्मर अभी भी लगे हुए है जिनसे फरीदाबाद की बिजली चोरी हो रही थी।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने कागजी कार्यवाही करते हुए बीते एक साल को आधार मान कर हर्जाना लगभग एक करोड़ थोप दिया है परन्तु चोरी 6 वर्षों से निरंतर जारी है। मोटा-मोटी अंदाजा लगायें तो यमुना पार 200 खम्बे लगाये गए हैं और जिनमे दो खम्भों के बीच की दूरी 70 मीटर रखने के नियम के मुताबिक भी मापें तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने बड़े क्षेत्र में यह चोरी हो रही है।
इस बिजली चोरी में कथित रूप से प्रवीण त्यागी के साथ हरियाणा के ठेकेदार जयवीर का नाम भी सामने आ रहा है तो साथ ही एसडीओ कुंडू, व् 2014 से जुड़े जेई व अन्य की मिलीभगत का शक पूर्ण रूप से गहराता जा रहा है। अब देखना यह है कि सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से बिजली विभाग को लगने वाला चूना आम जनता से ही वसूल लिया जाएगा या अपने आस्तीन के सांपों पर भी लाठियां बजाने की हिम्मत विभाग करेगा?