करनाल (के सी आर्य)। गांव गगसीना निवासी दीपक जेई (पीडब्ल्यूडी) एक करोड़ 10 लाख के साथ 2 नवम्बर को पंचकूला से चला था। किसका पैसा था कुछ नही पता, कार नहर किनारे तो मिल गई जिसका शीशा टूटा हुआ था और कैश नदारद था।
परिजनों को उसकी गुमशुदगी पर शक हुआ तो उन्होंने मुनक के पास सडक़ पर जाम लगा दिया और पुलिस से मामले की शीघ्र तफ्तीश करने का दबाव बनाया। पुलिस इससे पहले उसको ढूंढ पाती कि दिनांक 4 तारीख को उसकी लाश नहर से बरामद हो गयी।
जानकारों का कहना है कि नौकरी के साथ-साथ दीपक भाजपा के किसान मोर्चा की कोई छोटी-मोटी नेतागिरी भी करता था। समझा जाता है कि यह पैसा या तो हवाला का है अथवा जुएं, सट्टे के लेन-देन का है। पुलिस गुत्थी सुलझाने में व्यस्त है।