हुडा  फरीदाबाद : एक प्लॉट के दो बीमार राज्य में भाजपा और जेजेपी को प्लॉट बांटने में कई जगह नियम ताक पर रखे गए

हुडा  फरीदाबाद : एक प्लॉट के दो बीमार  राज्य में भाजपा और जेजेपी को प्लॉट बांटने  में कई जगह नियम ताक पर रखे गए
December 14 11:10 2020

 

मजदूर मोर्चा ब्यूरो

फरीदाबाद : शहर के सेक्टर 15 में एक प्लॉट पर दो राजनीतिक दलों की नजर है। दोनों इस प्लॉट पर अपने दफ्तर बनाना चाहती हैं लेकिन प्लॉट किसी एक को मिलेगा। ये दोनों पार्टियां हैं भाजपा और जेजेपी। हालांकि दोनों मिलकर सरकार चला रहे हैं लेकिन प्लॉट को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहते। किसानों, गरीबों और मजदूरों की सेवा का वादा करके सत्ता में आई भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) तेजी से हरियाणा में अपनी अचल संपत्ति (ऐसेट) बना रहे हैं। दोनों पार्टियां अपने दफ्तर शहर के हर जिले में बनाना चाहते हैं। रोहतक में भाजपा का आलीशान दफ्तर खड़ा हो चुका है और अब दोनों दलों की नजर  फरीदाबाद और गुडग़ांव पर है।

आपदा में अवसर तलाश लिया

हरियाणा में जब कोरोना टॉप पर था तो हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी या हुडा) ने अगस्त में एक विज्ञापन निकाला जिसमें सेक्टर 15 में एपीजे स्कूल के पास 36.00&23.64=851.04 वर्गमीटर जमीन पर राजनीतिक दल के दफ्तर के लिए आवेदन मांगे गए। इसका रिजर्व दाम 31500 रुपये प्रति वर्गमीटर रखा गया। आवेदन करने वाले राजनीतिक दल को अपनी अर्जी के साथ कुल अनुमानित दाम का दस फीसदी जमा कराना था। यह पैसा करीब 2680776 रुपये था। आवेदन 18 अगस्त 2020 से लेकर 29 सितम्बर 2020 तक किया जाना था।  इसके लिए आसान सी शतें रखी गईं। इसमें कहा गया था कि सिर्फ राष्ट्रीय और राज्य में मान्यता प्राप्त दल ही इस प्लाट के लिए आवेदन कर सकते हैं। जिन दलों का कोई भी विधायक हरियाणा विधानसभा में नहीं है, वो दल इस प्लॉट के लिए आवेदन नहीं कर सकते।

दो दावेदार आए सामने

इस विज्ञापन का बहुत ज्यादा प्रचार नहीं किया गया। इसकी जानकारी या तो प्रॉपर्टी डीलरों को थी या फिर भाजपा और जेजेपी के उच्चस्तरीय नेताओं को थी। यहां तक कि राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं को भी इस तरह का प्लॉट राजनीतिक दलों को बेचे जाने की जानकारी नहीं है। एचएसवीपी के आला अफसरों ने इस संवाददाता को बताया कि हमारे पास सिर्फ भाजपा और जेजेपी के ही आवेदन आये हैं। अभी किसी को प्लॉट आवंटित नहीं किया गया है। सरकार को यह नीतिगत फैसला लेना है। फाइल अब एचएसवीपी मुख्यालय पंचकूला में है। एचएसवीपी अभी यह तय नहीं कर पाया है कि प्लॉट भाजपा को मिलेगा या जेजेपी को। संयोग से यह विभाग सीधे सीएम मनोहर लाल के अधीन है। इसलिए भाजपा को यह प्लॉट मिलने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। लेकिन जेजेपी के सपने उससे बड़े हैं। जेजेपी सुप्रीमो अजय चौटाला और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला हरियाणा के हर शहर में जेजेपी का दफ्तर और कार्यकर्ताओं का कैडर चाहते हैं। फरीदाबाद में पार्टी का ढांचा खड़ा भी किया गया है।

समझा जाता है कि दोनों दलों को यह प्लॉट आधा-आधा बांट दिया जाएगा लेकिन उसके लिए एचएसवीपी और हरियाणा सरकार को अपने नियम सिर्फ इस प्लॉट के लिए बदलने पड़ेंगे।

भ्रामक विज्ञापन और महंगा रेट

एचएसवीपी ने फरीदाबाद में प्लॉट देने के लिए जो विज्ञापन निकाला उसके मुताबिक उसने मात्र एक प्लॉट और एक ही राजनीतिक दल को देने के लिए निकाला। उसने कई राजनीतिक दलों को दफ्तर देने का विज्ञापन नहीं निकाला। होना तो यह चाहिए था कि एचएसवीपी इस प्लॉट पर छोटे दफ्तर बनाकर सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से आवेदन मांगता। लेकिन विज्ञापन में उसने ‘आफिस आफ पोलिटिकल पार्टी’ (राजनीतिक दल का दफ्तर) शब्द लिखा। अगर इसे ‘आफिसेज आफ पोलिटिकल पार्टी’ लिखा जाता तो यहां पर कई प्रमुख राजनीतिक दलों के दफ्तर बन सकते थे। क्योंकि हर पार्टी ने अपना राज्यस्तरीय दफ्तर चंडीगढ़ में पहले से ही बना रखा है। जिलों में जहां भी राजनीतिक दलों के दफ्तर हैं, वे उस पार्टी के नेता अपने घर में या किराये जेब से भरकर चलाते हैं।

सूत्रों का कहना है कि पूरी योजना सिर्फ भाजपा को ही प्लॉट देने की थी। लेकिन बीच में जेजेपी का भी आवेदन आ जाने से मामला गड़बड़ा गया है। एचएसवीपी ने एक गलत हरकत और भी की है। उसने इस प्लॉट का रेट बहुत महँगा रखा है। सभी राजनीतिक दल पब्लिक के लिए काम करते हैं। होना तो यह चाहिए कि उस प्लॉट पर छोटे-छोटे दफ्तर बनाकर सभी मान्यता प्राप्त दलों को दफ्तर दे दिए जाते, ताकि अगर पब्लिक को कई राजनीतिक दलों से संपर्क साधना हो तो वो सारे एक ही जगह मिल जाएंगे।

रोहतक-गुडग़ांव के भाजपा दफ्तर पर विवाद

रोहतक सेक्टर 5 में रेलवे ओवरब्रिज के साथ एक एकड़ जमीन पर खड़ा बीजेपी का दफ्तर शुरू से विवादों के केंद्र में रहा है। यह दफ्तर साढ़े छह मंजिला है। इसे नोएडा की कंपनी विवाम कॉन्ट्रैक्ट इंडिया प्रा. लि. ने बनाया है। लेकिन असली कहानी कुछ और है। मीडिया रपटों और विपक्ष के आरोपों के मुताबिक जिस कंपनी को देश के पहले एलिवेटेड रेल ट्रैक का ठेका मिला है, उसी से रोहतक में भाजपा का दफ्तर बनाने की डील हुई थी। यानी ठेके के बदले उस कंपनी को रोहतक में भाजपा का दफ्तर बनवा कर देना था। रोहतक दफ्तर पर सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। बहरहाल, भाजपा ने रोहतक में पूर्व मंत्री और प्रमुख नेता मनीष ग्रोवर की बदौलत अपना भवन खड़ा कर लिया।

इसी तरह गुडग़ांव में सबसे महंगी जमीन पर भाजपा का दफ्तर बना है। एचएसवीपी ने सबसे पहले 2017 में सेक्टर 41 में भाजपा को 4000 वर्गमीटर जगह आवंटित की। लेकिन भाजपा नेताओं को वह जगह पसंद नहीं आई। हालांकि इलाके के लोगों ने यह जगह आवंटित किए जाने का विरोध किया था। इसके बाद सेक्टर 30 में बेशकीमती जमीन भाजपा दफ्तर के लिए एचएसवीपी ने आवंटन की पेशकश की।

बता दें कि कांग्रेस शासनकाल में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने पंचकूला में कांग्रेस समर्थित मुखपत्र नैशनल हेराल्ड और नवजीवन के लिए जमीन आवंटित की थी। हुड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कई अन्य नेता आज भी उस मामले में अदालत का सामना कर रहे हैं।  नैशनल हेराल्ड को दी गई जमीन को लेकर भाजपा हमेशा कांग्रेस पर आक्रामक रही है। लेकिन अब हरियाणा के हर जिले में भाजपा और जेजेपी के दफ्तर के लिए जमीन आवंटन पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। यहां तक कि कांग्रेस और अन्य दल भी इस मुद्दे पर चुप हैं।

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