फरीदाबाद (म.मो.) तरह-तरह की नौटंकियां व उल्टे-पुल्टे काम करने में माहिर भाजपा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपनी दाढ़ी खुजाते हुए ब्यान दे डाला कि हरियाणा से जो लोग दिल्ली नौकरी करने रोजाना जाते व आते हैं उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल आवास भी दिल्ली में ही देवें ताकि वे उनकी दिल्ली से कोरोना संक्रमण हरियाणा में लेकर न आ सकें। मंत्री जी का बड़ा अजीब एवं वाहियात बयान है यह। इसके पलट जवाब में यह भी कहा जा सकता है कि बजाय दिल्ली सरकार उन्हें आवास उपलब्ध कराये, हरियाणा सरकार क्यों नहीं उन्हें अपने यहां रोजगार उपलब्ध करा देती? दूसरा पलट जवाब यह भी हो सकता है कि दिल्ली से जो लोग रोज़ाना हरियाणा में काम करने जाते हैं उन्हें हरियाणा सरकार क्यों नहीं अपने यहां आवास उपलब्ध करा देती?
अनिल विज एवं हरियाणा सरकार के अलावा सारी दुनिया यह जानती है कि दुनिया भर के देशों में काम करने वाले अपने-अपने कार्यस्थलों पर पहुंचने के लिये बड़े पैमाने पर रोज़ाना आवागमन करते हैं। उनकी सुविधा के लिये तमाम देशों में एक से एक बेहतरीन यातायात व्यवस्था बनाई गयी है। कहीं लोकल ट्रेनें हैं तो कहीं बसें तो कहीं अब मैट्रो रेल भी सेवा में आ गयी हैं। इन सभी तथ्यों को नज़रंदाज़ करके विज का उपरोक्त बयान देना सिद्ध करता है कि इनकी अक्ल से कितनी दुश्मनी है!
रही बात कोरोना संक्रमण की तो विज साहब बीते छ: साल से स्वास्थ्य मंत्री के पद पर आसीन हैं। इस दौरान इन्होंने अस्पतालों पर छापे मारने जैसी ड्रामेबाजि़यों के अलावा और किया ही क्या है? राज्य भर में एक भी तो अस्पताल एवं डिस्पेंसरी ऐसी नहीं है जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक स्टाफ तैनात हो। इनके अस्पतालों में वेंटिलेटरों की तो बात ही छोड़ो अल्ट्रासाऊंड जैसे मामूली उपकरण तक पर्याप्त नहीं हैं। जांच के लिये बनी लेबोरेट्रियां केवल दिखावे मात्र की है। अब, जब कोरोना वायरस इनके सिर पर आ बैठा तो टैस्टिंग के नाम पर इनके हाथ-पांव फूलने लगे।
अपनी ड्रामेबाज़ी को आगे बढ़ाते हुए विज ने हरियाणा से होकर दिल्ली को जाने वाली सब्जियों व फलों की सप्लाई तक रोक दी। इनमें वह सप्लाई भी शामिल है जो ट्रक हिमाचल प्रदेश व कश्मीर तक से दिल्ली के लिये चले थे। धूर्तों के इस राज में कोई यह पूछने वाला नहीं कि सब्ज़ी व फलों से लदे ट्रक यदि दिल्ली में प्रवेश कर जायेंगे तो उसका हरियाणा में कोरोना से क्या ताल्लुक हो सकता है? फिर यह दिल्ली कोई अकेले केजरीवाल की नहीं है यह मोदियों, नड्डों व शाहों की भी है। दिल्ली में रहने वाली जनता को उक्त सप्लाई से महरूम करके विज किसका भला करने वाले हैं? इस से न केवल दिल्ली के उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं बल्कि हिमाचल, कश्मीर, पंजाब व हरियाणा तक के किसान भी प्रभावित हो रहे हैं। पहले से ही तबाही झेल रहे कृषि उत्पादक विज की इस मूर्खता से और अधिक तबाह हो जायेंगे।
दरअसल संघियों एवं भाजपाइयों को अपने अंधभक्तों पर इतना अधिक अंध विश्वास है कि उनके भक्त उनके हर उल्टे-पुल्टे काम को देश हित में मान कर चलेंगे और जो कोई उनके निर्णयों पर सवाल खड़ा करेगा उसे देश-द्रोही घोषित कर देंगे। इसलिये वे बुद्धि का प्रयोग किये बिना कुछ भी फैसला ले लेते हैं, उन्हें इस बात की कतई कोई चिंता नहीं होती कि इससे जनता पर क्या बीतेगी। हां अंधभक्तों को अंधा बनाये रखने के लिये राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व, पाकिस्तान आदि का जहर जरूर घोलते रहेंगे।