श्याम कालोनी के बीचों बीच बना है संजीवनी अस्पताल| एक छोटे से कमरे में बने इस अस्पताल को खुद संजीवनी बूटी की ज़रूरत है| इसकी देख-रेख वाले राजू (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वे इसके मात्र केयरटेकर हैं और असली डाक्टर साहब तो सेक्टर 22 फरीदाबाद में रहते हैं, जो पेशे से पहले ड्रग इंस्पेक्टर थे और उनकी पत्नी आरएम्एल में डाक्टर हैं|
सरकारी शौचालय जितनी जगह के अस्पताल में लगे फ्लेक्स बोर्ड पर ओपीडी, 24 घंटे आपातकालीन सुविधा से लेकर सभी दवाइयों की सुविधाओं के होने का दावा किया गया है| पूरे अस्पताल का जिम्मा 17 वर्ष के राजू पर है|
जब एमसीएफ़ तोड़फोड़ करने आई तो राजू का अस्पताल न जाने कैसे उसे दिखाई नहीं दिया| लगता है माँ लक्ष्मी के साक्षात अवतार की कृपा से ही अस्पताल का बनना और बचना संभव हो सका है|