नगर निगम की करतूत: ज़रा सी बरसात में
फरीदाबाद (म.मो.) शुक्रवार शाम हल्की सी बारिश क्या हो गयी, शहर भर की सड़कें व गलियां पानी से लबालब हो गयी। हार्डवेयर चौक से बाटा मोड़ (हाईवे) तक जाने में किसी भी वाहन को जो डेढ से दो मिनट लगते हैं, इस बरसात के बाद पूरे 16 मिनट लगे। कारण था हाईवे के बाटा मोड़ पर जल भराव तथा वाहनों का अनियंत्रित जमावड़ा। इसी तरह दिल्ली की ओर से अजरोंदा मोड़ होते हुए नीलम चौक तक पहुंचने में 55-60 मिनट का समय लग रहा था। जलभराव के चलते राजमार्ग पर यातायात बाधित रहा। ओल्ड व अजरोंदा के पुलों पर भी जाम देखा गया। इसकी वजह से वाहनों को गलत दिशा (रॉंग साइड) में भी चलना पड़ा।
इससे पहले वीरवार को जो हल्की बारिश हुई थी, उससे भी यही स्थिति बनी थी। उस बारिश की वजह से अजरोंदा मोड़ से नीलम पुल पर चढने वाली सड़क शुक्रवार सुबह तक जलभराव से जाम थी। नगर निगम के ‘महान इन्जीनियर सकर मशीन द्वारा पानी सोकने वाले टैंकरों द्वारा पानी निकाल रहे थे। यह प्रक्रिया हर बारिश के बाद हमेशा ही की जाती है। विदित है कि इस जगह पर पहले पानी नहीं रुका करता था, परन्तु जब इस पुल के दोनों ओर बेतरतीब एवं अनियोजित व्यापारिक निर्माण निगम ने करवा डाले तभी से यह समस्या स्थाई बन कर रह गयी है, वरना पानी तो सदा से ही अपना रास्ता खुद बना कर निकलता रहा था।
हाईवे से लगे चौराहों से तो जैसे-तैसे जल निकासी करना निगम की मजबूरी तो है ही साथ में इस काम पर होने वाले अनाप -शनाप खर्च से कमीशन भी तो मिलेगा। लेकिन शह भर की अन्य सड़कों व गलियों से जल निकासी का कोई प्रबन्ध नहीं है। वह पानी अपने आप ही समय के साथ सूखता रहता है। यही है स्मार्ट सिटी बनाने वाले नेताओं व अफसरों की हकीकत। पहले यमुना एक्शन प्लान व जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूवल मिशन का पैसा डकार चुके अब स्मार्ट सिटी के नाम पर मोटा माल डकार कर किनारे लग लेंगे सभी नेता व अफसर।