फरीदाबाद (म.मो.) बीते सप्ताह बल्लबगढ के विधायक एवं हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने एक कुशल मदारी की भांति समारोह-पूर्वक गुलाबी रंग की 9 बसों को हरी झंडी दिखाते हुए बताया कि इनमें महिलायें खासकर छात्रायें मुफ्त यात्रा कर सकेंगी, बजाओ बच्चा ताली।
बताने की जरूरत नहीं कि न केवल इस शहर में बल्कि पूरे राज्य में परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से अस्त-ब्यस्त हुई पड़ी है, पूरा महकमा खासतौर पर आरटीए ब्रांच भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा पड़ा है, भयंकर लूट मची हुई है।
दिल्ली से सटे उनके इस क्षेत्र में परिवहन का बड़ा दायित्व ऑटो रिक्शा व मैट्रो रेल ने संभाल रखा है। शहर से सटे दर्जनो गांवों का आवागमन का एक मात्र साधन कोई है तो वह ऑटो है। नगद कमाई वाला यह बेहतरीन व्यापार होने के बावजूद, प्रशासनिक भ्रष्टाचार एवं काहिली के चलते यह घाटे का सौदा बना हुआ है।
इस सारे सिस्टम को सुधारने की अपेक्षा मूलचंद ने छात्राओं के लिये 9 गुलाबी बसों का ड्रामा खेला है जिससे उनको कुछ प्रशंसा मिल सके। इन बसों में केवल महिलायें ही यात्रा कर सकेंगी और वह भी मुफ्त। परन्तु यह शगूफा कोई टिकने वाला नहीं। शहर में तीन महिला कॉलेजों सहित कुल छ: कॉलेज हैं जिनमें लड़कियां पढ़ती हैं। इसके अलावा कम से कम तीन महिला पॉलिटेक्निक व तीन इन्जीनियरिंग कॉलेज भी हैं जहां लड़कियां पढने जाती हैं। लड़कियों के स्कूलों की संख्या इनसे अलग है। इन सबके रूट भी अलग-अलग हैं और खुलने व बंद होने के समय भी अलग-अलग हैं। इसलिये समझने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिये कि यह योजना आज भी $फेल है और कल भी।
करीब 15 साल पहले दिल्ली के महिला कॉलेजों के लिये भी बस सेवा सुरू की गई थी जो मुफ्त तो नहीं थी फिर भी उसमें क्षमता से अधिक छात्रायें ठुंस कर जाती थी, लेकिन वापसी सेवा में बस आधी खाली आती थी क्योंकि कॉलेज से सबकी छुट्टी एक साथ नहीं होती दूसरे बस का ठीक समय पर पहुंच पाना भी सुनिश्चित नहीं रहता था। ऐसे में बिना इन्तज़ार किये छात्रायें अपने साधनों से घर लौट आया करती थी। फिर धीरे-धीरे वह सेवा बंद कर दी गयी।
इसलिये मूलचंद जी अपने शहर के लिये वास्तव में ही कुछ करना चाहते हैं तो पूरे शहर की परिवहन व्यवस्था को सुधारने की बात करो, ऑटो की असुरक्षित एवं महंगी यात्रा की अपेक्षा हर कोई आपकी बस में सुरक्षित व सस्ती यात्रा करना चाहेगा।