दिल्ली चुनाव मैदान में कोई जीते, मतदान में विकास का मुद्दा जीतेगा…

दिल्ली चुनाव मैदान में कोई जीते, मतदान में विकास का मुद्दा जीतेगा…
February 17 13:40 2020

 

दिल्ली चुनाव पर ग्राउंड जीरो से विवेक कुमार की पांचवी किश्त

 

यह रिपोर्ट पाठकों को मिलने तक दिल्ली के चुनाव के लिए वोट पड़ चुके होंगे और सभी को 11 फ़रवरी को चुनाव परिणामों की घोषणा का इंतज़ार रहेगा| चुनावी कवरेज के इस आखिरी दौर में मजदूर मोर्चा टीम ने कई विधानसभा क्षेत्र के निवासियों से बात कर अधिक से अधिक इलाकों में पार्टियों की ज़मीनी हकीकत को जानने का प्रयास किया|

भाई तुम सबकी समस्या है कि सिर्फ भाजपा सांप्रदायिक दिखती है, जबकि अन्य राजनैतिक पार्टियाँ बेशक जो मर्ज़ी करें वे तो दूध की धुली ही लगेंगी- बनारस के रहने वाले 62 वर्षीय रमेश मिश्र बदरपुर में हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं| अपना कोट तेज़ी से उतारते हुए साथ खड़े साथी के हाथों में ऐसे थमाया जैसे हिंदुत्व की लालटेन आजकल ‘हिन्दू’ हाथ में थमाने का प्रयास राजनीतिक पार्टियां कर रही हैं| मिश्र ने कहा कि केजरीवाल जो खुद को विकास पुरुष कह रहा है क्या वो राजनीति नहीं कर रहा, धर्म के नाम पर लोगों को मुफ्त की तीर्थ यात्रा करा कर| यदि मोदी मंदिर की बात कर दे तो वह सांप्रदायिक कैसे?

मिश्र का समर्थन करते हुए उनके साथी अवधेश ने जोड़ा कि विकास क्या होता है यह केजरीवाल और आप पत्रकारों को बनारस आ कर देखना चाहिए| कैसे सारी संकरी गलियां तोड़ कर मोदी ने गंगा का सौन्दर्यीकरण कर दिया है| स्कूल और अस्पताल केजरीवाल ने बनाये या नहीं बनाये ये तो भगवान् जाने पर मुफ्त दे-दे कर दिल्ली को बर्बाद कर दिया यह मैं जानता हूँ| जहाँ मोदी ने एक तरफ पूरे बनारस की कायाकल्प कर डाली वहीँ केजरीवाल ने दिल्ली को झुग्गियों की खान बना दिया है|

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के बाशिंदों से अलग राय रखने वाले धीरज भी बदरपुर विधानसभा के निवासी हैं और प्रह्लादपुर में बेकरी की दुकान चलाते हैं| 34 वर्षीय धीरज के मुताबिक़ केजरीवाल को 70 सीटें आ जाएँ तो भी कोई हैरानी की बात नहीं| धीरज ने केजरीवाल के विरोध में खड़े लोगों को दिल्ली की पुरानी तस्वीरें निकाल कर आज की नयी तस्वीरों से मिलाने की सलाह देते हुए बताया कि, यदि आप दिल्ली से फरीदाबाद की मेट्रो में सफ़र कर रहे हों और सरिता विहार से लेकर मात्र चार किलोमीटर के सफ़र में मेट्रो की दोनो तरफ की खिड़की से बाहर देखेंगे, तो लाल-लाल इंटों की बनीं  भव्य भवन जो कि दिल्ली सरकार के बनाए स्कूल हैं, दिख जाएँगे| इन स्कूलों को देखने के बाद मोदीभक्त सोचें ज़रा कि अपनी ज़िन्दगी में कब बैठे थे ऐसी इमारतों में पढ़ने के लिए| इसलिए मेरा और मेरे पूरे मोहल्ले का वोट केजरीवाल सरकार को पड़ेगा|

गोविन्दपुरी कालकाजी विधानसभा में रहने वाले दीपक कुमार पुणे में नौकरी करते हैं| दीपक ने बताया कि उनकी शिक्षा-दीक्षा दिल्ली के सरकारी स्कूल से हुई है| वर्ष 2004 में अपनी स्कूली पढाई समाप्त कर दिल्ली विश्वविद्यालय के रामानुजम कालेज से स्नातक हो गए| पंद्रह वर्ष की इस पढाई में भी कभी ऐसे स्कूल में बैठने का सौभाग्य नहीं मिला| जब भी कालका पब्लिक स्कूल और न्यू ग्रीन फील्ड स्कूल के बच्चों को देखता था तो मैं और मेरे सब साथी खुद को हीन महसूस करते थे| इन स्कूलों की बिल्डिंगों से निकलने वाले बच्चों का आत्मविश्वास हमसे बहुत ऊपर था| पर अब जब सरकारी स्कूल भी वैसे हो गए या यूं कहूँ कि उनसे भी बड़े और बेहतर हो गए तो देखो इन बच्चों का आत्मविश्वास भी वैसा ही हो कर इनके रिजल्ट में दिखने लगा है|

लकड़ी का काम देहाड़ी मजदूरी से करने वाले 45 वर्षीय गोरख चिराग दिल्ली के निवासी हैं| गोरख ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं और दोनों दिल्ली सरकार के स्कूल में ही पढ़ते हैं| पहले किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे जिसका खर्च उठाने में बहुत तकलीफ होती थी, पर अब समाधान उन्हें एक बेहतर सरकारी स्कूल के तौर पर मिला| वोट किसे देंगे और क्यों? केजरीवाल को देंगे पर सिर्फ स्कूल के नाम पर नहीं| केजरीवाल ने स्कूल के साथ–साथ यह जो मोहल्ला क्लिनिक बनाये हैं इसका फायदा गरीब जनता को है|

शर्मा जी के नाम से चिराग दिल्ली में मशहूर दुबले लम्बे कद और बेहद शांतचित दिखने वाले सुरेश की आँखों के नीचे बड़े-बड़े काले धब्बे हो गए हैं| इसके पीछे क्या कारण है, सुरेश ने बताया कि उनकी पत्नी को कैंसर है, इलाज में सब बिक गया| पर दिल्ली सरकार तो फ्री में इलाज का दावा करती है, पहले सरकारी अस्पताल पर खास यकीन नहीं था किसी ने कहा मैक्स साकेत में ले जाओ, तो वही ले गया| इतना पैसा लगा कि गाँव की ज़मीने बिक गई और अंत में दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल ले गया| खैर फिलहाल पत्नी ठीक हैं और दवाएं भी मिल जा रही हैं तो कुछ सुकून हुआ है जिसके कारण काम पर लौट पाया हूँ|

भाई वोट तो तब दूंगा न जब मेरा वोटर आईडी आएगा| गुरमीत ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बताया कि उन्होंने अपना वोटर एड्रेस बदलवाया था| छत्तरपुर में ही चुनाव आयोग वालों का दफ्तर भी है, जहाँ कभी बिजली ही नहीं रहती| जब जाता हूँ, कर्मचारी बाहर धूप सेकते मिलते हैं और कह देते हैं कि  जब बिजली आएगी तब बता पाएंगे| तीन दिन चक्कर काटने के बाद पता चला है कि मेरा वोटर कार्ड डाकखाने में है| डाकखाने वाले कह रहे हैं कि नेट नहीं ठीक चल रहा तो हम अभी डिटेल्स नहीं बता सकते| अब आप बताओ क्या ये आम आदमी पार्टी की चाल नहीं है कि जो उसका वोटर न हो उसे वोटर आईडी ही न दो ताकि चुनाव जीत लें आसानी से| कल चुनाव हैं और आज तक मैं वोटर आईडी के लिए धक्के ही खा रहा हूँ|

दिल्ली हाट, आईएनए में हेंडीक्राफ्ट की बारीकियों के तारीफ में कसीदे कसते हुए नीतू ने बताया कि वह हर माह दिल्ली हाट बाज़ार में दो बार ज़रूर आती हैं और यहाँ के कारीगरों से हाथ से बनने वाली कला की जानकारियां लेती हैं| जो मुख्य बातें पता चलती हैं उनमे सबसे बड़ा मसला उचित मजदूरी का नहीं मिलना है| दिल्ली सरकार ने न्यूनतम वेतन को लागू करवाकर बड़ा काम किया है| पर क्या सबको न्यूनतम वेतन मिला रहा है? नहीं, मिल तो नहीं रहा, पर कानून बना है तो देर-सबेर लागू भी होगा, कम से कम शुरुआत तो हुई|

मोदी के आने के बाद से ही आज पाकिस्तान और चीन जैसे हमारे दुश्मन देश भारत से घबराते हैं वरना पहले कोई भी हमें आँख दिखाने लगता था| 24 वर्षीय विजय जो सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं ने यह दावा किया| विजय के अनुसार मोदी का यह कथन कि पाकिस्तान को हफ्ते भर में हरा देंगे कोई अतिशयोक्ति नहीं है| आज पाकिस्तान की वह औकात नहीं जो हमें कुछ कह सके| अब जब केंद्र में मोदी इतने मजबूत हुए हैं तो दिल्ली में चुनाव जिता कर उन्हें और मजबूत करने की ज़रूरत है| देश की रक्षा और मजबूती के लिए मेरा वोट मोदी को|

क्या हफ्ते भर में पाकिस्तान को हरा देने से भारत के लोगों को कोई फायदा होगा| इस सवाल पर सीमा जो गुजरात की रहने वाली हैं और अब दिल्ली की वोटर हैं ने कहा, अगर पाकिस्तान को हरा देने से हमारी बेरोज़गारी, गरीबी और अन्य समस्याएं समाप्त होती हैं तो कल युद्ध होता, आज ही कर लो और पाकिस्तान को हरा दो| पर क्या ऐसा संभव है, इस प्रकार की फालतू बातें करना देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता| मोदी को समझना चाहिए कि ये बातें अपने सड़कछाप नेताओं के लिए छोड़ कर अर्थव्यवस्था पर ध्यान दें| अच्छे काम कैसे करना है वो केजरीवाल से सीख लें|

आया नगर, छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र के निवासी टिंकू, इग्नू में कार्यरत हैं| टूटी और कचरे में डूबी गलियां दिखाते हुए बताया कि आप के ऍमएलए करतार सिंह तंवर के पास गए थे कि जब सब जगह का काम हो रहा है तो क्यों नहीं हमारी गली बन रही| तंवर ने कहा मोहल्ला क्लिनिक बना दी है अब और क्या चाहते हैं| ऐसे घमंडी नेता को इस बार हरवा कर अपना विरोध दर्ज करेंगे|

शाहीन बाग़ को मुद्दा बनाने की भरसक कोशिश भाजपा की तरफ से हुई और दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने खुद को इस मुद्दे से अलग रख पाने की कोशिश की| कई न्यूज़ चैनलों ने दिखाया कि शाहीन बाग के नाम पर जो ध्रुवीकरण हुआ उसका फायदा भाजपा को मिल रहा है और जहाँ एकतरफा चुनाव दिख रहा था अब भाजपा भी वहाँ मैदान में आ गई लगती है| यदि ऐसा है तो क्या यह देश के लिया अच्छा है कि धार्मिक उन्माद के रथ पर सवार होकर नेता विधान सभा में पहुंचे और टिंकू जैसों को उसी कीचड़ भरी नाली में छोड़ जाएं|

अपने इस आखिरी दौर की रिपोर्टिंग में हमने पाया की बेशक शाहीन बाग का मुद्दा हिन्दु-मुस्लिम के तौर पर मीडिया में दिख रहा है पर ज़मीनी हकीकत अब भी स्कूल, चिकित्सा, और आमजन के मुद्दों से ही जुड़ी हुयी है| बेशक बाज़ी किसी भी दल के हाथ आये परन्तु यह तय है कि मतदान विकास के मुद्दे पर ही होगा| नेता यह बात मानें न मानें पर अमर शायर फैज के शब्दों में कहें तो, “लाजिम है कि हम भी देखेंगे”|

 

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Mazdoor Morcha
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